जहानाबाद: जहानाबाद जिला में जीविका से जुड़ कई महिलाओं की तकदीर बदल गई है. जो महिला कभी खेती बाड़ी करती थीं, वो आज अपने पैर पर खड़ा होकर घर में ही कुछ न कुछ योगदान कर रही हूं. इन्हीं उदाहरणों में से हैं, जहानाबाद के मोदनगंज प्रखंड की चमकीला देवी. वो भी कभी खेतों में मजदूरी किया करती थीं और उससे जो कमाई होती थी, घर का खर्च चलता था. हालांकि, एक आइडिया ने उनकी किस्मत बदल दी.
दरअसल, जहानाबाद के मोदनगंज प्रखंड स्थित मिल्की पर गांव की रहने वाली चमकीला देवी की शादी कम उम्र में हो गई. पति भी कुछ ज्यादा नहीं कमाते थे. खेतों में मजदूरी कर अपना और परिवार का खर्च चलता था. अब इन्हीं सब के बीच जीविका का संगठन आया और इसके बाद किसी ने यह सलाह दी कि यह काफी अच्छा संगठन है और महिला के लिए है. इसमें उद्योग के लिए कुछ कर्ज आसानी से मिल जाता है.
सलाह पर जुड़ीं जीविका संगठन से
एक व्यक्ति की दी सलाह पर चमकीला देवी जीविका से जुड़ गईं. अब उसके बाद उनके करियर की शुरुआत नई हो गई. खेती बाड़ी को छोड़ कर संगठन के साथ काम करने लगीं. कुछ ही वक्त बाद इस जीविका संगठन को बिहार सरकार से भी सहयोग मिलना शुरू हो गया, जिसका लाभ बिहार की तमाम महिलाओं को होने लगा जो जीविका से जुड़ी हुई थीं. इन्हीं महिलाओं में से थीं चमकीला देवी. रास्ता मिलता गया और उसका फायदा चमकीला देवी उठाती चली गईं.
अब 20 महिलाओं को दे रहीं हैं ट्रेनिंग
अब इसी में किसी तरह से सिलाई मशीन चलाना सीख गईं. साथ ही साथ पति को भी ऊपर उठाने के खातिर बकरी पालन का काम भी शुरू कर दिया. ऐसे में पति को भी अच्छी कमाई होने लगी और खुद भी सिलाई सीख कर अन्य महिलाओं को ट्रेनिंग देती थीं. अब जब सब सही हुआ तो वो अभी 20 महिलाओं को सिलाई सीखा रहीं हैं और उससे अच्छी खासी कमाई कर रही हैं.
बकरी पालन से भी बढ़ी आय
साथ ही बकरी पालन से भी अच्छी खासी कमाई हो रही है. इससे उनकी और उनके परिवार का भरण पोषण अच्छे से हो रहा है.
‘पहले 200 रुपए में चलाते थे घर’
कभी 200 रुपए में खेत में मजदूरी कर घर का खर्च चलाते थे और आज जीविका से जुड़ सब कुछ खुद का कर लिए हैं. अन्य लोगों को घर पर ही सिलाई की ट्रेनिंग दे रही हैं. इससे आस पास के महिलाओं को भी काफी ज्यादा फायदा हो रहा है.





