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लगातार आने वाले पश्चिमी विक्षोभ देंगे बारिश और बर्फबारी, उत्तर भारत का होगा लू से बचाव

नवंबर से जनवरी के दौरान असामान्य रूप से हल्की बारिश और बर्फबारी ने पश्चिमी हिमालय में सूखे की स्थिति के बारे में चिंताएं बढ़ गई थी। हालाँकि, मौसम में बदलाव के कारण फरवरी और मार्च में पश्चिमी विक्षोभ गतिविधि में वृद्धि हुई, जिससे क्षेत्र में भारी वर्षा हुई। यह स्थिति अप्रैल के आखिरी तक जारी रहने की उम्मीद है। जिससे गर्मी और तापमान से बहुत जरूरी राहत मिलेगी। उत्तर पश्चिम भारत में तेज गर्मी की शुरुआत में देरी होगी।

22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है, जिससे 23 अप्रैल तक ऊपरी इलाकों में मध्यम बारिश और बर्फबारी होगी। एक और विक्षोभ 26 अप्रैल तक पश्चिमी हिमालय के पास पहुंचेगा। ये विक्षोभ चक्रवाती परिसंचरण के गठन को भी गति देंगे। जिससे पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित उत्तर पश्चिम भारत में छिटपुट बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी।

लगातार पश्चिमी विक्षोभ के कारण होने वाली प्री-मानसून बारिश का तापमान को कंट्रोल में रखेगी। जिससे अप्रैल महिने में भीषण गर्मी की संभावना काफी कम हो जाएगी। उत्तर पश्चिम भारत के निवासी कभी-कभी बारिश और बादलों की गरज और चमक की उम्मीद कर सकते हैं, जो बढ़ते तापमान से अस्थायी राहत देगी।

पश्चिमी विक्षोभ गतिविधि की यह विस्तारित अवधि हाल के महीनों में देखे गए खास मौसम पैटर्न से एक महत्वपूर्ण विचलन को दर्शाती है। हालाँकि, यह हिमालय में सूखे की चिंताओं को कम देता है। लेकिन, मौसम पूर्वानुमानों पर अपडेट रहना जरूरी है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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