मध्यप्रदेश शासन (Madhya Pradesh Government) के नगरीय विकास (Urban Development) और आवास मंत्रालय (Ministry of Housing) ने नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की कई धाराओं में महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए गजट नोटिफिकेशन (Gazette Notification) भी जारी कर दिया है। दावे-आपत्तियों की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 में ये संशोधन किए गए हैं, जिनका लाभ इंदौर के आने वाले मास्टर प्लान 2041 के जरिए ही मिल सकेगा। मेट्रो रूट पर दोनों तरफ टीओडी पॉलिसी का लाभ देते हुए अधिकतम 7 तक एफएआर बहुमंजिला इमारतों के निर्माण के लिए हासिल किया जा सकेगा तो मास्टर प्लान में घोषित व्यावसायिक सडक़ों पर अधिकतम 5 एफएआर का लाभ दिया जाएगा।इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण संशोधन 30 मीटर तक ऊंचाई की बनने वाली बिल्डिंगों में अब ग्राउंड कवरेज की बाध्यता खत्म कर दी गई है। सिर्फ निर्धारित एमओएस ही छोडऩा पड़ेगा। इसके अलावा 2000 स्क्वेयर फीट और उससे बड़े आकार के भूखंडों पर पार्किंग नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। अब ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग छोडऩे पर बिल्डिंग की ऊंचाई और एफएआर की गणना नहीं की जाएगी। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों को लेकर भी पॉलिसी घोषित कर दी गई है। साथ ही पेट्रोल पंपों को भी अब और अधिक सुविधाजनक बनाया गया है। अभी शासन ने जो बदलाव किए हैं वह चूंकि भूमि विकास नियम में किए हैं, लिहाजा उसका लाभ अभी इंदौर के बिल्डर-कॉलोनाइजरों को नहीं मिल पाएगा, क्योंकि वर्तमान मास्टर प्लान में इसके प्रावधान नहीं हैं। मगर चूंकि शासन की मंशा है कि इंदौर का नया मास्टर प्लान, जो कि 2041 के मान से तैयार किया जा रहा है, उसे जल्द ही लागू कर दिया जाए और उसमें शासन ने जो अभी संशोधन किए हैं उसे शामिल कर लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इंदौर के मास्टर प्लान के ड्रॉफ्ट का प्रकाशन जल्द ही हो सकता है। हालांकि दावे-आपत्ति, कोर्ट-कचहरी की प्रक्रियाओं के चलते डेढ़ से दो साल का समय तो आसानी से नए मास्टर प्लान को लागू होने में लग ही जाएगा।

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