विंध्य क्षेत्र में सूरन (जिमीकंद) की सब्जी की लोकप्रियता आज भी कम नहीं हुई है. इसे बनाने से पहले उबालना या तलना जरूरी माना जाता है, ताकि खाने में गले में खुजली न हो. इसके बाद इसमें दही, आमचूर या इमली जैसी खटाई मिलाई जाती है, जिससे जिमीकंद का स्वाद लाजवाब हो जाता है. खासकर सर्दियों में लोग इस बहुत पसंद करते हैं. सूरन पाइल्स, अल्सर, गैस, कब्ज और जॉन्डिस जैसी समस्याओं में बेहद फायदेमंद है. इसमें मौजूद फाइबर, एंटी-इंफ्लेमेटरी और डिटॉक्स तत्व पाचन शक्ति बढ़ाने और लीवर को मजबूत बनाने में मदद करते हैं.
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