धर्म

गणेश जी की आरती: जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा, माता जा की पार्वती, पिता

भगवान गणेश बुद्धि के देवता माने जाते हैं। गणपति बप्पा की पूजा किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले की जाती है। इस साल 20 अक्टूबर के दिन दिवाली मनाई जा रही है। इस दिन बड़े ही विधि विधान के साथ गणेश जी की पूजा की जाती है। दिवाली के दिन भी सबसे पहले गणेश जी की आरती गाई जाती है। आइए आगे पढ़ते हैं गणेश जी की आरती-

गणेश जी की आरती

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी,

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।

 

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा,

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी,

कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,

माता जा की पार्वती, पिता महादेवा।

भगवान गणेश की जय

गणपति बप्पा की जय

ओम गं गणपतये नमः

गणेश जी की आरती के बाद पढ़ें गणेश जी की वंदना

वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि,

मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ।

गजाननं भूत गणादि सेवितं,

कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।

उमासुतं शोक विनाशकारकम्,

नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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