पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा पर पाबंदी लगाई गई है। भगदड़ मचने की आशंका के कारण प्रशासन ने अनुमति देने से इंकार कर दिया जिसके कारण अब लोरमी में प्रस्तावित शिव महा पुराण नहीं होगी। पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा छत्तीसगढ़ के मुंगेली में प्रस्तावित थी लेकिन जिला प्रशासन ने हाथरस हादसे को ध्यान में रखते हुए कथा की अनुमति नहीं दी। जन जीवन के संकट की आशंका बताते हुए प्रशासन ने कथा के आवेदन को नामंजूर कर दिया।
कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम का आयोजन मुंगेली के लोरमी में प्रस्तावित था। यहां 2 अगस्त से 8 अगस्त तक शिव महा पुराण आयोजित की जा रही थी पर प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। लोरमी युवा मंडल ने 24 जुलाई को कथा की मंजूरी देने के लिए आवेदन दिया था लेकिन 25 जुलाई को प्रशासन ने आयोजन की अनुमति देने से इंकार कर दिया।जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों के अभिमत के कारण कथा की अनुमति नहीं दी। बताया जा रहा है कि कलेक्टर ने जिले के पीडब्ल्यूडी विभाग, बिजली विभाग यानि छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, डीएसपी लोरमी, बीएमओ लोरमी, पीएचई लोरमी से आयोजन के संबंध में अभिमत मांगा। सभी विभागों ने कार्यक्रम स्थल पर व्यवस्थाओं को नाकाफी बताते हुए आयोजन पर आपत्ति जताई।
इसके बाद जिला प्रशासन ने शिव महा पुराण कार्यक्रम की अनुमति देने से इंकार कर दिया। प्रशासन ने आयोजन की अनुमति नहीं देने की वजह बताते हुए 6 विभागों के अभिमत का भी उल्लेख किया है।
दरअसल हाथरस में भगदड़ की घटना को ध्यान में रखते हुए शिव महा पुराण कार्यक्रम नामंजूर किया गया है। जिला प्रशासन किसी भी हाल में हाथरस हादसे की पुनरावृत्ति नहीं चाहता।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने अपने अभिमत में बताया कि प्रस्तावित कथा स्थल पर पर्याप्त जगह नहीं है। कथास्थल वार्ड नंबर 14 ढोलगी रोड पर खेत को पाटकर डोम लगाया जा रहा है जिससे हादसा होने की आशंका है।