आपने अक्सर सुना होगा कि कानून के हाथ लंबे होते हैं. ऐसा यूं ही नहीं कहा जाता. अपराधी चाहे कितना भी शातिर हो, कभी ना कभी अपने अपराधों का हिसाब चुकाने के लिए मजबूर हो ही जाता है. पुलिस को भले ही अपराधी को पकड़ने में देर हो जाए लेकिन आखिरकार सफल हो ही जाते हैं. ऐसा ही एक मामला बरेली के जलालाबाद में देखने को मिला. यहां एक शातिर अपराधी की तलाश 32 साल बाद पूरी हुई पुलिस को 1992 में हुए एक वारदात को लेकर आरोपी की तलाश थी. 32 साल तक अपराधी ने पुलिस को चकमा दिया. पुलिस ने अपराधी की तलाश में जमीन-आसमान एक कर दिए थे. लेकिन अपराधी का कोई पता नहीं चल पाया. अब जाकर पुलिस के हाथ सफलता मिली है. जब पुलिस अपराधी को पकड़ने गई तो खुद भी हैरान रह गई. अपराधी ने पुलिस को चकमा देने के लिए साधु कला रुप धारण कर रखा था. ऐसा वो आज से नहीं, पिछले 32 साल से कर रहा था पाप मिटाने की कोशिश
पुलिस अधीक्षक के ऑर्डर के बाद इलाके में अपराधियों के धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. इसी अभियान के तहत एसपी ग्रामीण के निर्देशन में पुलिस ने आरोपी को पकड़ा. आरोपी की पहचान रामाधार उर्फ़ धरुआ कजंड के रुप में हुई. आरोपी जलालाबाद का ही रहने वाला है. उसने 1992 में एक लूट की घटना को अंजाम दिया था जिसके बाद से वो फरार है. पुलिस को लगातार उसकी तलाश थी. अब जाकर पुलिस के हाथ सफलता लगी है.बनकर घूम रहा था साधु
पुलिस ने बताया कि 1992 में लूट के बाद आरोपी ने साधु का भेष धर लिया था. इतने साल में उसने अपने कई भक्त भी बना लिए थे. लोग बाबा मानकर दूर-दूर से उसके पास आते थे. लेकिन हाल ही में पुलिस को जानकारी मिली कि ये बाबा कोई और नहीं बल्कि वॉन्टेड अपराधी है. इसके बाद पुलिस ने उसके घर पर दबिश दी और उस साधु के ही भेष में गिरफ्तार कर लिया.
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