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3.0: एमपी के समय छत्तीसगढ़ से केंद्र में 4 कैबिनेट मंत्री, राज्य बनने के बाद 24 साल में एक भी नहीं, तोखन साहू समेत 7 सिर्फ राज्यमंत्री

3.0: रायपुर। छत्तीसगढ़ के लिए आज दोपहर राहत की खबर आई, जब प्रधानमंत्री कार्यालय से बिलासपुर सांसद तोखन साहू को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के लिए सूचना आई। इसके साथ ही छत्तीगसढ़ में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। तोखन पहले से दिल्ली में थे, सूचना मिलते ही उन्होंने शपथ की तैयारी शुरू कर दी।

बिलासपुर के लिए बड़ी बात

हालांकि, एनडीए के घटक दलों पर बीजेपी की निर्भरता बढ़ गई है। इस वजह से संशय था कि पहली बार में छत्तीसगढ़ को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी नहीं, लेकिन तोखन साहू को राज्य मंत्री बनाने की जानकारी आ गई। बिलासपुर को पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में मौका मिला है। अभी तक रायपुर से विद्याचरण शुक्ल, पुरुषोतम कौशिक, बृजलाल वर्मा, बस्तर से अरविंद नेताम, कोरबा से चरणदास महंत, जशपुर से विष्णुदेव साय और स्व0 दिलीप सिंह जूदेव और सरगुजा से रेणुका सिंह मंत्री रह चुकी हैं। मगर छत्तीसगढ़ का दूसरा बड़ा शहर होने के बाद भी बिलासपुर से किसी को केंद्रीय मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। पुन्नूराम मोहले चार बार बिलासपुर से सांसद रहे। उसी तरह कांग्रेसा शासन काल में खेलनराम जांगड़े लगातार दो बार। मगर कोई भी केंद्रीय मंत्री नहीं बन सका।

चार कैबिनेट मंत्री

जब मध्यप्रदेश नहीं बना था, तब छत्तीसगढ इलाके से केंद्र में कैबिनेट मंत्री र्को-न-कोई हमेशा रहा। कांग्रेस की सरकार में विद्याचरण शुक्ल 28 साल की उम्र में 1967 में केंद्र में मंत्री बन गए थे। उसके बाद वे हमेशा केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे। सिर्फ राजीव गांधी के मंत्रिमंडल को छोड़कर। उस समय बस्तर से अरविंद नेताम को राजीव गांधी ने कैबिनेट मंत्री बनाया था। जनता पार्टी सरकार में छत्तीसगढ़ से दो-दो कैबिनेट मंत्री रहे। पुरुषोतम कौशिक और बृजलाल वर्मा। विद्याचरण शुक्ल के बाद छत्तीसगढ़ का कोई नेता केंद्र में कैबिनेट मंत्री नहीं बन पाया। नरसिम्हाराव सरकार में विद्याचरण शुक्ल पूरे पांच साल जलसंसाधन और संसदीय कार्य जैसे अहम मंत्रालय संभाला। 1998 में नरसिम्हा राव सरकार के जाने के बाद फिर छत्तीसगढ़ को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मौका नहीं मिला।

कांग्रेस-भाजपा भाई-भाई

छत्तीसगढ़ बनने के बाद छह सांसद केंद्र में राज्य मंत्री बने हैं। अटलबिहारी बाजपेयी सरकार में डॉ0 रमन सिंह, रमेश बैस और दिलीप सिंह जूदेव। मनमोहन सिंह सरकार 1.0 में किसी को असवर नहीं मिला। मनमोहन सिंह सरकार 2.0 के आखिरी समय में चरणदास महंत को राज्य मंत्री बनाया गया। इसके बाद नरेंद्र मोदी सरकार में विष्णुदेव साय और रेणुका सिंह को राज्य मंत्री बनाया गया था। अटल बिहार बाजपेयी सरकार में रमेश बैस को थोड़े समय के लिए स्वतंत्र प्रभार का दायित्व दिया गया था। मगर यह कैबिनेट मंत्री के समकक्ष नहीं होता

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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