नई दिल्ली. अगर यात्री किसी कारणवश स्टेशन पहुंचने में लेट हो जाता है, और ट्रेन दौड़कर पकड़नी पड़ती है तो उसे इस बात की खुशी होती है कि कम से कम ट्रेन तो पकड़ ली, नहीं तो टिकट बेकार होता और परेशानी अलग से झेलनी पड़ती. लेकिन कई बार इस तरह ट्रेन पकड़ना भारी पड़ जाता है. ऐसा ही कई यात्रियों के साथ हुआ. उन्हें जीवनभर यह सफर याद रहेगा. आप भी ट्रेन पकड़ने में इस तरह की गलती न कर बैठें.उत्तर मध्य रेलवे के अनुसार वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर घेराबंदी कर टिकट जांच अभियान चलाया गया. इस अभियान में टिकट चेकिंग, आरपीएफ व जीआरपी सभी शामिल रहे. दिनभर चले इस जांच अभियान में झांसी स्टेशन के सभी प्लेटफार्म, वेटिंग रूम भी चेक किए गए तथा स्टेशन से गुजरने वाली 25 से अधिक रेलगाड़ियों के सभी कोचों की जांच की गयी. इसमें विशेष तौर पर महिला व दिव्यांग कोच की जांच करायी गयी
इस दौरान तमाम यात्री दिव्यांग कोच में सवार मिले, जो गार्ड कोच के बगल में होता है. इनकी दलील थी कि जब वे स्टेशन पहुंचे तो ट्रेन चल चुकी थी, पीछे दिव्यांग कोच सामने दिखा. इसी वजह से सवार हो गए. इन यात्रियों ने टिकट भी दिखाया. चूंकि दिव्यांग कोच में सफर करना अनियमित यात्रा माना जाता है, इसलिए टीटी ने इनकी एक भी दलील नहीं सुनी और जुर्माना लगा दिया. इसलिए इस तरह भागकर ट्रेन पकड़कर कर दिव्यांग कोच में बैठने की गलती करने से बचें.
स्टेशन पर बिना टिकट यात्रा, अनियमित यात्रा, बिना बुक लगेज, धूम्रपान एवं गंदगी फैलाने वाले कुल 112 प्रकरण पकड़े गए जिनसे 82 हज़ार से अधिक रेल राजस्व वसूल किया गया.
पूर्व मध्य रेलवे में एक दिन में 14580 यात्री पकड़े गए
हाजीपुर.पूर्व मध्य रेलवे द्वारा बिना टिकट/अनियमित यात्रियों पर शिकंजा कसने के लिए देर रात पांचों मंडलों दानापुर, सोनपुर, समस्तीपुर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं धनबाद में एक साथ विशेष टिकट चेकिंग अभियान चलाया गया. इसमें 14 580 बेटिकट/अनियमित यात्रियों को पकड़ा गया, जिनसे जुर्माने के रूप में 965600 रुपए वसूले गए