पश्चिम चंपारणः यदि आप पोल्ट्री फॉर्मर हैं और कुक्कूटों के आहार को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं, तो आज हम आपको एक ऐसे जलीय पौधे की जानकारी दे रहे हैं, जिसे मुर्गे-मुर्गियों के लिए सुपर फूड माना जाता है. इसकी पौष्टिकता इतना उच्च होती है कि विशेषज्ञ इसे पशुओं का ड्राई फूड तक मान लेते हैं. गर्मी हो या सर्दी, हर मौसम में बड़ी आसानी से उगने वाले इस जलीय पौधे को अजोला के नाम से जाना जाता है. आहार के रूप में इसका सेवन कुक्कुटों में मांस और अंडे के उत्पादन को 15 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है. ज़िले के माधोपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत पशु वैज्ञानिक डॉ. जगपाल ने अजोला पर विशेष जानकारी साझा की है.
पोषक तत्वों का मुख्य स्रोत
डॉ. जगपाल बताते हैं कि अजोला जलीय सतह पर तैरने वाला एक जलीय फर्न है. आसान भाषा में इसे जलीय पौधा कहते हैं. यह प्रोटीन,अमीनों एसिड, विटामिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कॉपर जैसे तत्वों से भरपूर होता है. वैसे तो अजोला की कई किस्में होती है, लेकिन भारत में अजोला पिनाटा नाम की प्रजाति मुख्य रूप से पाई जाती है. अन्य सभी हरे चारे की तुलना में अजोला में प्रोटीन की मात्रा पांच गुण तक अधिक होती है.
मांस और अंडे में होगी बढ़ोतरी
विशेषज्ञों के अनुसार, मुर्गे-मुर्गियों को 10 से 20 ग्राम अजोला प्रतिदिन खिलाने से उनके वजन और अंडा उत्पादन की क्षमता में 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है. इसी प्रकार यदि आप भेड़ और बकरियों को भी प्रतिदिन 100 से 200 ग्राम ओजोला देते हैं, तो उनके शारीरिक विकास और दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.अजोला को उगाने के आसान तरीके
खेतों में अजोला उगाने के लिए किसान कच्ची क्यारियां बनाकर उन्हें पॉलीथिन शीट से ढक दें. शीट को इस तरह बिछाएं कि क्यारी पूरी तरह ढक जाए. हर क्यारी में 10 किलो छनी हुई मिट्टी और 2 किलो गोबर की खाद मिलाएं और उसे पानी से भर दें. प्रतिदिन दो से चार किलो अजोला के उत्पादन के लिए हर क्यारी में 20 ग्राम सुपरफास्फेट और 5 किलो गोबर का घोल बनाकर प्रति माह डालें. चुकी ओजोला उत्पादन पानी में ही होता है, इसलिए क्यारी में पानी की उचित मात्रा बनाए रखना अनिवार्य है. ध्यान रहे कि क्यारियों पर सूर्य की रौशनी डायरेक्ट नहीं पड़नी चाहिए. इसके लिए आप उन्हें शेड से ढक सकते हैं.





