जब बच्चे छोटे होते हैं, तो माता-पिता को हर पल उनकी चिंता सताती रहती है। पेरेंट्स दिन-रात उनकी देखभाल में लगे रहते हैं। लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, तब यह स्थिति बदल जाती है। अब बच्चों अपनी माता-पिता की सेहत को लेकर फिक्रमंद रहने लगते हैं। वह भी तब, खासकर जब बच्चे पढ़ाई या नौकरी के लिए घर से दूर रहते हैं, तो मां-पापा की जरा-सी तबीयत खराब होने की खबर भी उन्हें बेचैन कर देती है। ऐसा ही कुछ हाल ही में एक स्टूडेंट के साथ हुआ।दरअसल इस छात्र ने बताया कि उसकी मां को जोड़ों और हड्डियों में दर्द बढ़ गया है, जबकि पहले से ही उन्हें गठिया की समस्या है। मां की बिगड़ती हालत देखकर बेटे ने TwentiesIndia पर एक भावुक पोस्ट शेयर की, जिसमें उसने न सिर्फ अपनी मां को भेजे गए मैसेज दिखाए, बल्कि सभी बच्चों से अपील की कि वे अपने पेरेंट्स से कहें कि वे लोग अपना ख्याल रखें।यह पोस्ट वायरल हो गई और कई यूजर्स ने अपना दर्द बयां किया। लोगों ने कमेंट कर कहा कि कितना भी पेरेंट्स को समझा लो, लेकिन मां-पापा कभी खुद को प्राथमिकता नहीं देते। आइए जानते हैं कि लोगों ने और क्या- क्या रिएक्शन दिए।सुबह 7 बजे उठती है, सब्जी और नाश्ता खुद बनाती है, फिर 8:30 बजे तक ऑफिस के लिए निकल जाती है। शाम को 5 बजे घर लौटती है, लेकिन हां… अगले साल जब मैं कमाने लगूंगी ना, तो सबसे पहले एक कुक रखूंगी, जो सारा काम करे, ताकि मां बस आराम कर सके।वगैरह करने से मना कर देती थीं। लेकिन एक बार मुझे उनसे थोड़ा सख्त लहजे में बात करनी पड़ी, ताकि वो अपनी सेहत की अहमियत को समझ सकें। उसके बाद से उन्होंने एक्सरसाइज करना शुरू कर दिया।एक अन्य यूजर ने भी कहा जब भी मैं अपने होमटाउन जाता हूं, तो अपने पेरेंट्स को बैठाकर एक पूरा हेल्थ पर पूरा एक लेक्चर देती हूं, हालांकि, पापा तो वैसे भी काफी हेल्थ-कॉन्शस हैं, लेकिन मम्मा, खैर, मम्मा तो बस मम्मी ही होती हैं। लेकिन, जब कोविड के इलाज के बाद मम्मी का कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ गया था, तो मैंने उन्हें काफी समझाया और वो बात मान भी गईं। अब वो हर रोज सुबह वॉक पर जाती हैं, उसके बाद योग करती हैं और फिर अपनी लौकी का जूस पीती हैं।
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