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आरएसएस के 100 साल: अलीगढ़ में शौर्य, साहस व अनुशासन का प्रदर्शन करते हुए निकले स्वयंसेवक

यूपी के अलीगढ़ में शौर्य, साहस व अनुशासन का प्रदर्शन करते हुए घोष की धुन पर अनुशासित होकर कंधे पर दंड रख कदम से कदम मिलाकर चलते स्वयंसेवक। यह नजारा था बुधवार को अलीगढ़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक के शताब्दी वर्ष पर निकाले गए पथ संचलन का। 100 वर्षों के लंबे सफर को गर्व से याद करते हुए स्वयंसेवक दो-दो की कतार में होकर शहर के मुख्य मार्गों से निकले। इस दौरान भारत माता के जयकारे भी लगाए गए। शहर में जगह-जगह लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया।आरएसएस के स्वयंसेवक सुबह सात बजे से ही शहर में अलग-अलग 50 निर्धारित स्थानों पर एकत्रित होना शुरू हो गए थे। संघ की दृष्टि से नगर व बस्तियों में बांटे गए इन स्थानों पर सर्वप्रथम ध्वज प्रणाम, प्रार्थना की गई। इसके बाद बौद्धिक का आयोजन हुआ। वक्ताओं ने हिंदुत्व पर बल दिया। कहा कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता के उत्थान के लिए युवा आगे आएं। राष्ट्र निर्माण में सभी आहुति दें। राष्ट्र निर्माण के लिए युवा संघ से जुड़े। बौद्धिक के बाद जयघोष पर स्वयंसेवक हाथों में लाठियां लेकर कदमताल करते हुए पथ संचलन में निकले। बता दें, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना विजयदशमी के 27 सितंबर 1925 को हुई थी।

पूर्ण गणवेश में नौनिहाल भी कदमताल करते हुए बढ़े

संघ की गणवेश पहन अनुशासन का पालन करते हुए नौनिहालों ने अपने अपने क्षेत्र में सड़क पर कदमताल किया. नन्हें कदमों को कदमताल करता देख राह चलता हर कोई रुक गया। लोगों ने मार्ग में फूलों से नन्हें स्वयंसेवकों का स्वागत किया. बाल पथ संचलन में उनके पालकों के साथ-साथ नगर के आमजन भी देखने के लिए मौजूद रहे।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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