भरतपुर. भरतपुर के बाजार में इन दिनों एक विशेष फल ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. यह फल न केवल स्वादिष्ट है. बल्कि इसके सेवन से सेहत को भी लाभ होता है. यह फल केवल 2 से 3 महीने के मौसम में ही बाजार में उपलब्ध होता है. यह फल जितना सुंदर और स्वादिष्ट होता है. उससे भी अधिक इससे फल को बाजार तक लाने में विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है.इस फल को तालाबों से इसे तोड़ने में काफी मेहनत लगती है. इस फल की पैदावार भरतपुर के पास स्थित बड़े तालाबों और बांधों से होती है. जिसमें बरेठा बांध का नाम प्रमुख है. इन तालाबों में यह फल उगाया जाता है. सिंघाड़े की खेती को करने के लिए तालाबों को किराए पर लिया जाता है और इसकी खेती की जाती है.किसान खतरों की बीच से तोड़कर लाते हैं फलइस सिंघाड़े की खेती को करने के लिए बड़ी सावधानी रखनी पड़ती है. क्योंकि तालाबों से फल को तोड़ना आसान काम नहीं है. तालाब के पानी में उतर कर इसे सावधानी से तोड़ना होता है. साथ ही तालाब के पानी में विभिन्न प्रकार के कीड़े मकोड़े भी रहते हैं. जिनसे बचने के लिए शरीर पर कीड़े मकोड़े भगाने की दवाई लगाई जाती है. इसके अलावा पूरे शरीर को कपड़े से ढका जाता है, जिससे शरीर को कोई बीमारी ना हो सुबह से लेकर शाम तक पूरा दिन पानी के अंदर इन सिंघाड़ों को ट्यूब या विशेष साधन पर बैठकर तोड़ा जाता है. इतनी मेहनत के बाद यह फल बाजार तक पहुंचता है. यह फल बरसात के मौसम के बाद उपलब्ध होता है. इसलिए इसके खरीदारों की संख्या भी अधिक होती है. बाजार में इस फल की मांग देखते हुए लोग इसे बड़ी मात्रा में खरीद रहे हैं. भरतपुर के आसपास के क्षेत्रों में इसकी खेती में दिन-रात मेहनत कर इसे बाजार में लाया जाता है. यह फल न केवल स्थानीय लोगों के बीच प्रसिद्ध है बल्कि दूसरे स्थानों से आने वाले लोग भी इसे खरीदना पसंद करते हैं.

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