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अगस्त महीने में की जाएगी 77 हजार मीट्रिक टन यूरिया और 27 हजा

किसानों को समय पर यूरिया और डीएपी खाद उपलब्ध कराने के लिए सरकार और कृषि विभाग द्वारा उर्वरकों की दैनिक उपलब्धता पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। कम उपलब्धता और अधिक खपत वाले जिलों व ब्लॉकों को चिह्नित कर प्रदेश भर में प्राथमिकता के साथ पूर्ण पारदर्शिता से डीएपी व यूरिया का वितरण किया जा रहा है। उर्वरकों की कालाबाजारी व जमाखोरी को रोकने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी प्रदेश भर में पूर्ण सतर्कता से कार्य कर रहे हैं।

इस कड़ी में राजस्थान के कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 1 लाख 90 हजार मीट्रिक टन यूरिया, 1 लाख 2 हजार मीट्रिक टन डीएपी, 0.80 लाख मीट्रिक टन एनपीके एवं 1 लाख 84 हजार मीट्रिक टन एसएसपी उर्वरकों का स्टॉक उपलब्ध है। वर्तमान में पिछले वर्ष की तुलना में फॉस्फेटिक उर्वरकों को स्टॉक 0.83 लाख मीट्रिक टन अधिक है।

अगस्त में की जाएगी 77 हजार मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति

कृषि विभाग के शासन सचिव राजन विशाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा निरंतर केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित कर प्रदेश की मांग अनुसार उर्वरकों की आपूर्ति करवाई जा रही है। राज्य के किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु खरीफ 2025 में अप्रैल से अगस्त तक भारत सरकार द्वारा आवंटित 8 लाख 82 हजार मीट्रिक टन यूरिया के विरुद्ध अब तक 8 लाख 5 हजार मीट्रिक टन की आपूर्ति की जा चुकी है। अगस्त माह की शेष अवधि में 77 हजार मैट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति जल्द ही कर दी जायेगी।

अगस्त में होगी 27 हजार मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति

शासन सचिव ने बताया कि अप्रैल महीने से अगस्त तक भारत सरकार द्वारा आवंटित 4 लाख 75 हजार मीट्रिक टन डीएपी के विरुद्ध अब तक 3 लाख 25 मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की जा चुकी हैं शेष 27 हजार मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति जल्द ही की जाएगी

केंद्र सरकार की ओर से यूरिया, डीएपी एव अन्य उर्वरकों का राज्यों को महावार व कंपनिवार आवंटन किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा प्राप्त आवंटन एवं जिलों की मांग के अनुसार जिलेवार आपूर्ति योजना तैयार कर प्रदेश में उर्वरकों को वितरण कराया जाता है।

डीग, भरतपुर, अलवर व बूंदी जिलों में की जा रही है यूरिया और डीएपी की आपूर्ति

शासन सचिव ने बताया कि डीग, भरतपुर, अलवर व बूंदी में निरंतर उर्वरकों की आपूर्ति कराई जा रही है। डीग में 2 हजार 230 मीट्रिक टन यूरिया, 1 हजार 510 मीट्रिक टन डीएपी, 2 हजार 90 मीट्रिक टन एनपीके व 4 हजार 820 मीट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध है। वहीं भरतपुर जिले में 2 हजार 808 मीट्रिक टन यूरिया, 1 हजार 912 मीट्रिक डीएपी, 2 हजार 618 मीट्रिक टन एनपीके व 5 हजार 574 मीट्रिक टन एसएसपी उर्वरकों की उपलब्धता है।

इसी प्रकार बूंदी जिले में 4 हजार 912 मीट्रिक टन यूरिया, 3 हजार 529 मीट्रिक टन डीएपी, 2 हजार 455 मीट्रिक टन एनपीके और 8 हजार 173 मीट्रिक टन एसएसपी उर्वरक उपलब्ध हैं एवं निरंतर आपूर्ति जारी है। भरतपुर व अलवर में रैक प्वाईंट पर 20 हजार डीएपी के बैग उपलब्ध हैं, जिनमें से लगभग 4 हजार डीएपी के बैग डीग में भी भिजवाये जा रहे हैं।

किसानों के द्वारा की जा रही है डीएपी की अग्रिम खरीद

शासन सचिव ने बताया कि राज्य के पूर्वी जिलों के कुछ क्षेत्रों में सरसों की अगेती बुवाई करने के लिए किसानों द्वारा डीएपी के अग्रिम खरीद की जा रही है, जबकि बुवाई में काफी समय बाकी है। खरीफ फसलों में डीएपी की आवश्यकता नहीं रही, जबकि रबी की बुवाई के लिए  उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति का आवंटन अलग से निर्धारित है जिसकी आपूर्ति समय पर की जाएगी।

उन्होंने बताया कि किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में अंकित सिफारिशानुसार ही उर्वरकों के उपयोग हेतु प्रेरित करने, उर्वरकों का समान रूप से पारदर्शिता के साथ वितरण कराने और उर्वरक वितरण में अनियमितता बरतने वाले विक्रेताओं, जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाही हेतु समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। विभाग द्वारा समस्त किसानों को समान रूप से उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के लिए किसानों को पंक्तिबद्ध किया जाकर उर्वरकों का वितरण प्रशासन के सहयोग एवं विभागीय कार्मिकों की देख-रेख में किया जा रहा है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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