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शारदीय नवरात्रि में मुर्गे पर सवार होकर वापस जाएंगी माता रानी, जानिए शुभ है या अशुभ

सनातन धर्म में नवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व है। यह त्योहार मां दुर्गा को समर्पित होता है। इन नौ दिनों में लोग दुर्गा मां के नौ स्वरूपों की पूजा करते है। देश के अलग-अलग हिस्सों में शारदीय नवरात्रि को बहुत ही हर्षों उल्लास के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा की विधि पूर्वक उपासना करने से वह भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्तूबर से हो रही है। इस दिन घटस्थापना के साथ नवरात्रि की शुरुआत होगी और 12 अक्तूबर को विजयादशमी पर इसका समापन होगा।माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान माता रानी पृथ्वी लोक पर आती हैं, ऐसे में माता रानी हर साल अलग-अलग सवारी में आती हैं। दरअसल, माता के प्रस्थान की सवारी वार अनुसार तय की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल मां दुर्गा किस पर सवार होकर आएंगी और उनके प्रस्थान का वाहन क्या होगा।माता रानी के आगमन की सवारी?
3 अक्तूबर 2024 को गुरुवार से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दिन माता का आगमन जब पृथ्वी पर होता है, तो मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आएंगी। माता का आगमन पालकी या डोली में होगा अशुभ माना जाता है। ऐसे में अर्थव्यवस्था में गिरावट, व्यापार में मंदी, देश-दुनिया में महामारी, हिंसा के बढ़ने और अप्राकृतिक घटना के संकेत मिलते हैं।

माता के प्रस्थान की सवारी? 
नवरात्रि में माता रानी के प्रस्थान की सवारी चरणायुद्ध (मुर्गा) होगी, जिसे शुभ संकेत बिलकुल नहीं माना जाता है। माता के इस वाहन को अमंगलकारी माना गया है। ये शोक, कष्ट का संकेत है।

शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा,
शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥

माना जा रहा है कि यह देश दुनिया पर बुरा असर डालने वाला है। ऐसे में लड़ाई-झगड़े बढ़ेंगे, आंशिक महामारी फैलेगी, साथ ही राजनीतिक उठा-पठा भी देखने को मिल सकती है।डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए  जगन्नाथ डॉट कॉम उत्तरदायी नहीं है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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