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प्रग्नेंसी से पहले इस मंदिर गए थे विक्की कौशल और कैटरीना कैफ, यहां दर्शन से पुत्र रत्न की होती है प्राप्ति

बॉलीवुड स्टार कपल विक्की कौशल और कैटरीना कैफ माता-पिता बन गए हैं. कैटरीना कैफ ने 7 नवंबर को एक बेटे को जन्म दिया. कैटरीना कैफ और विक्की कौशल ने 2021 में शादी की थी. हाल ही में कैटरीना कैफ ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रेग्नेंसी की जानकारी शेयर की थी. वहीं, कुछ महीने पहले कपल कर्नाटक के कुक्के सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर पहुंचा था और विशेष पूजा-अर्चना की थी. कहा जाता है कि जिस मंदिर में कैफ और विक्की ने पूजा की उस मंदिर में अगर कोई भक्त पुत्र रत्न की मांग करता है तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती हैकैटरीन कैफ और विक्की कौशल ने मंदिर जाने के कुछ ही महीने बाद सोशल मीडिया पर अपनी प्रग्नेंसी की जानकारी शेयर की थी. अब, इस जोड़े ने एक बेटे को जन्म दिया है. विक्की कौशल और कैटरीना कैफ ने कुछ समय तक एक-दूसरे को डेट किया और 2021 में एक भव्य समारोह में शादी कर ली थी.

कुक्के सुब्रमण्यम मंदिर की क्या है विशेषता?

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के सुल्या तालुका में स्थित सुब्रमण्यम मंदिर कई किंवदंतियों से भरा एक मंदिर है. कुक्के सुब्रमण्यम मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना से पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूरी होने की मान्यता है. यह मंदिर भगवान सुब्रमण्यम को समर्पित है. सुब्रमण्यम भगवान कार्तिकेय का ही एक रूप हैं. भक्त मानते हैं कि यहां पूजा करने से संतान संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है.बहुत से भक्तों ने वर्षों की प्रार्थना के बाद संतान प्राप्ति के अनुभव किए हैं, जिससे मंदिर की पवित्रता में विश्वास और भी गहरा हुआ है.

यहां सुब्रमण्यम मंदिर में सर्प के रूप में पूजा की जाती है और कहा जाता है कि इस मंदिर की किंवदंती पांच हजार साल पुरानी है. यहां सर्प अनुष्ठान और पापों के निवारण के लिए विशेष पूजा की जाती है. भगवान सुब्रह्मण्य को सभी नागों के स्वामी के रूप में पूजा जाता है. इसका धार्मिक महत्व यह भी है कि सर्प दोष से पीड़ित लोगों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और ‘अश्लेषा बलि’ व ‘सर्प संस्कार’ जैसी विशेष पूजाएं यहां की जाती हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, गरूड़ से बचने के लिए वासुकी और अन्य नाग इस मंदिर में भगवान सुब्रह्मण्य की शरण में आए थे.

कहां पर स्थित है मंदिर?

सुब्रमण्यम मंदिर द्रविड़ शैली में बना है और कुमार पर्वत की गोद में स्थित है. यहां पास ही कुमारधारा नदी बहती है, जहां श्रद्धालु स्नान करते हैं. यहां ‘लक्षदीपोत्सव’ सहित कई त्योहार मनाए जाते हैं. यह मंदिर अपनी आय के लिए भी प्रसिद्ध है और कर्नाटक के सबसे धनी मंदिरों में से एक माना जाता है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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