पान का पौधा एक नहीं बल्कि कई काम आते हैं। जहां एक ओर पान का पौधा आयुर्वेद में बहुत जरूरी माना जाता है। अक्सर घरों में पूजा-पाठ और औषधीय के रूप में उपयोग होता है। इतना ही नहीं, इसकी बेल भी मनी प्लांट की तरह खूबसूरत लगती है। लेकिन कई बार इसकी बेल ठीक से बढ़ती नहीं, पत्तियां छोटी रहती हैं और पौधे की ग्रोथ धीमी हो जाती है।अब अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं और चाहतें हैं कि पान के पौधे में ढेरों पत्ते आएं और बेल लंबी हो, तो माली ने एक बहुत ही आसान और घरेलू नुस्खा बताया है। सबसे अच्छी बात है कि इस उपाय के लिए आपको एक भी पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कचरे में फेंकने वाली फ्री की चीज से ही प्लांट हरा-भरा हो जाएगा।यहां जिस फ्री की चीज की बात हो रही है वो इस्तेमाल की हुई चायपत्ती है। अक्सर, जो चाय छानने के बाद फेंक दी जाती है। जबकि इस इस्तेमाल की हुई चायपत्ती में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जो पान के पौधे की ग्रोथ के लिए बेहद जरूरी हैं। इसमें नाइट्रोजन, एसिडिक प्रॉपर्टीज और कार्बनिक पदार्थ होते हैं। मिलतासबसे जरूरी पोषक तत्व है, यह पत्तियों की ग्रोथ बढ़ाने में मदद करता है और उन्हें गहरा हरा रंग देता है। पान का पौधा थोड़ा अम्लीय मिट्टी पसंद करता है। चायपत्ती का इस्तेमाल मिट्टी के पीएच लेवल को बैलेंस रखता है, जिससे पौधा पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से सोख पाता है। कार्बनिक पदार्थ मिट्टी को नरम और हवादार बनाते है, जिससे जड़ों को फैलने और सांस लेने में मदद मिलती है।यह बहुत जरूरी है ताकि उसमें से चीनी और दूध पूरी तरह से निकल जाए। चीनी और दूध पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं, फंगस और चींटी लगने का कारण बन सकते हैं। वहीं धोने के बाद, चायपत्ती को धूप में अच्छी तरह से सुखा लीजिए।सूखी हुई चायपत्ती को सीधे गमले की मिट्टी में डाल सकते हैं। एक छोटे से मध्यम आकार के गमले के लिए एक चम्मच सूखी चायपत्ती काफी होगी। इसे मिट्टी की ऊपरी परत में हल्का सा मिलाकर गुड़ाई कर दें। चाहें तो चायपत्ती को पानी में भिगोकर लिक्विड फर्टिलाइजर बना सकते हैं। 1 लीटर पानी में एक चम्मच सूखी चायपत्ती डालें और उसे 24 घंटे के लिए भिगोकर रखें। फिर पानी को छानकर पौधे की जड़ों में डालें।पान के पौधे में चायपत्ती की खाद हर 15 से 20 दिन में एक बार डाल सकते हैं। लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका इस्तेमाल न करें। खाद डालने के अलावा पान के पौधे की देखभाल भी करें। इसे ऐसी जगह रखें जहां पौधे को छनकर धूप मिले। ज्यादा तेज धूप से पत्तियां जल सकती हैंमिट्टी कोनम रखें लेकिन पानी तभी दें जब ऊपरी परत हल्की सूखी लगे। पान एक बेल वाला पौधा है, तो सहारा देना ना भूलें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे इंस्टाग्राम वीडियो और इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं। जगन्नाथ डॉट कॉम इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है।