प्रधानमंत्री मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “भारत #विभाजनविभीषिकास्मृतिदिवस मना रहा है। यह दिन उन अनगिनत लोगों को याद करने का दिन है, जिन्होंने विभाजन के दौरान बड़ी तकलीफें झेली थीं। यह उनके साहस और नए सिरे से जीवन शुरू करने की उनकी शक्ति को सम्मान देने का दिन भी है।”
उन्होंने सभी नागरिकों से देश में एकता और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। मोदी ने कहा कि जो लोग विभाजन से प्रभावित हुए, उन्होंने कड़ी मेहनत से अपना जीवन फिर से खड़ा किया और कई लोगों ने बड़ी-बड़ी उपलब्धियां भी हासिल कीं। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि देश की एकता और अखंडता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।
देश की एकता के लिए एकजुट रहना चाहिए: जेपी नड्डा
इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी उन लाखों लोगों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने देश के विभाजन के समय विस्थापन और हिंसा की पीड़ा झेली। उन्होंने कहा कि हमें देशविरोधी ताकतों का डटकर मुकाबला करना चाहिए और देश की एकता के लिए एकजुट रहना चाहिए।
विभाजन की पृष्ठभूमि
भारत 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से आज़ाद हुआ। परंतु इस स्वतंत्रता के साथ ही देश का विभाजन भी हुआ, जिससे बहुत बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए। यह इतिहास की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदियों में से एक थी। करीब 2 करोड़ लोग इस विभाजन से प्रभावित हुए। लाखों परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ा और उन्हें शरणार्थी के रूप में नए स्थानों पर बसना पड़ा। हिंसा और दंगे में लाखों लोगों की जानें गईं।
आजादी के जश्न के साथ-साथ देश हर साल 14 अगस्त को उन लोगों को याद करता है जिन्होंने इस विभाजन की भयंकर पीड़ा सही, अपने प्रियजनों को खोया, लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह दिन मनाने की परंपरा 2021 से शुरू की गई है, ताकि भावी पीढ़ियों को यह त्रासदी याद रहे!