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ढंग के गर्मी शुरू नहीं हुई और लौट आया मानसून!..अगले चार दिनों तक बारिश की चेतावनी, इन राज्यों में झमाझम होगी बारिश

रायपुर। छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में इन दिनों झमाझम बारिश हो रही है। अप्रैल में भीषण गर्मी के दौर में अचानक बदले मौसम को देखते हुए अब लोग ये कह रहे हैं कि गर्मी ठीक से लगी नहीं और मानसून लौट आया दरअसल, देश के अधिकांश राज्यों में तेज हवा-तूफान के साथ जबरदस्त बारिश हो रही है। छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, ओडिशा में पिछले तीन-चार दिनों से रुक-रुककर बारिश हो रही है। मौसम विभाग की माने तो 15 अप्रैल तक ऐसा ही हाल रहने वाला है। इसके बाद मौसम में बदलाव होगा और फिर से गर्मी लौट आएगी। छत्तीसगढ़ की बात करें तो आज राजधानी रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, बिलासपुर, कोरिया, कोंडागांव, बीजापुर, कोरबा में बादल छाए हुए हैं और रुक रुककर हल्की बारिश देखने को मिल रही है। रायपुर में तड़के झमाझम बारिश हुई, जिसके बाद काले घने बादल के बीच सुबह हल्की ठंड लोगों ने महसूस की। स्काई मेट वेदर के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान, 11 से 13 अप्रैल के बीच मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाएं (30-50 किमी प्रति घंटे) हो सकती हैं।

15 अप्रैल तक बारिश की संभावना 

11 से 13 अप्रैल के बीच गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

11 से 15 अप्रैल के बीच तेलंगाना, केरल, आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाएं (30-50 किमी प्रति घंटे) हो सकती हैं।

11 से 12 अप्रैल के बीच पश्चिमी हिमालय में छिटपुट हल्की बारिश और बर्फबारी संभव है और 13 से 15 अप्रैल के बीच तीव्रता और फैलाव में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है।

13 और 14 अप्रैल को जम्मू कश्मीर और 14 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी संभव है।

13 से 14 अप्रैल के बीच उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में बारिश के साथ गरज, बिजली और तेज़ हवाएँ चलने की संभावना है।

11 से 15 अप्रैल के बीच राजस्थान में गरज, धूल भरी आँधी और बिजली गिरने के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

जाने मौसम एजेंसी ने क्या कहा 

पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और उससे सटे उत्तरी पाकिस्तान के ऊपर औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर है, मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक निम्न दबाव की रेखा बनी हुई है और इसकी धुरी लगभग देशांतर के साथ औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है। यह 71 डिग्री पूर्व तथा 30° उत्तर अक्षांश के उत्तर तक बनी हुई है।

दक्षिणपूर्वी राजस्थान पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर दक्षिण-पूर्व राजस्थान से लेकर मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण कोंकण होते हुए कर्नाटक के तटीय हिस्सों तक चक्रवाती परिसंचरण से एक ट्रफ/हवा का विच्छेदन बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा दक्षिण पूर्व राजस्थान से उत्तर प्रदेश, बिहार और निचले स्तर पर उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल होते हुए पूर्वोत्तर बांग्लादेश तक फैली हुई है। 12 अप्रैल से एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है। 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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