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व्यंग लेख-अनोखा इलाज…

अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)
एक दिन पेट में दर्द सा हुआ। उस दिन घर में कोई था नहीं और मुझे दवाइयाँ मिली नहीं और बाहर जाकर लाने की मेरी हिम्मत नहीं थी। सोचा कोई घरेलु नुस्खा ही अपनाया जाए। लेकिन क्या…? मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं। तभी मन में खयाल आया कि क्यों ना यूट्यूब से ही कोई नुस्खा निकाला जाए। जैसे ही यूट्यूब पर पेट दर्द के लिए नुस्खा ढूंढा, मेरे सामने नुस्खों की लम्बी लिस्ट हाजिर हो गई। दो चार विडियो भी देखे कोई कहता कि फलाना चीज़ खाए तो कोई कहता ढिकाना चीज़ खाए। एक जिस चीज़ को फायदेमंद बताता दूसरा उसे ही नुकसानदायक कह देता। बताए गये कुछ नुस्खों में कुछ चीज़े तो ऐसी भी थी जो घर में आसानी से मिलना संभव भी नहीं लेकिन बताया घरेलू नुस्खे में जा रहा था।

हर वीडियों में तुरंत राहत मिलने का दावा किया जाता, तुरंत राहत पाने की चाह में मैंने भी सबसे पहले वही वीडियों देखा लेकिन राहत मिलने की जगह उस वीडियों ने मेरे धैर्य की परीक्षा और ले ली। क्योंकि बताया गया नुस्खा कोई सामान्य रूप से बताता तो दो मिनट में आराम से बता सकता था लेकिन वीडियो में नुस्खा बताने वाले जानकर ने मेरा स्वागत करने, अपने चैनल की जानकारी देने और लाइक, शेयर, सब्सक्राइब की मांग करने में ही शुरूआती दो-तीन मिनट निकाल दिए। उस पर एक और समस्या ये कि हर विडियो में एक नया नुस्खा, कौन सा प्रयोग किया जाए, ये एक नया प्रश्न सामने खड़ा हो गया। हाल ये रहा कि दिमाग का दही हो गया। नुस्खे खोजने से पहले तक तो पेट में दर्द था अब सर में भी होने लगा। फिर इस उलझन में पड़ गया कि सर दर्द के लिए नुस्खा खोजा जाए या पेट दर्द के लिए…।

खैर इस तरह करीब आधा घंटा गुजर जाने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं तो पेट दर्द के नुस्खे खोजने के लिए यूट्यूब पर आया था और अभी तक ना जाने किस-किस विषयों पर ज्ञान प्राप्त कर चुका हूँ। राजनीती, धर्म, ज्योतिष और न जाने कितने ही विषयों की ताजा जानकारी मुझे मिल गई है लेकिन जिस समस्या के समाधान के लिए आया था बस वो ही नहीं मिल पाया है। लेकिन इतनी जानकरी का फायदा ये हुआ कि इतनी देर तक जब मैं यूट्यूब के विडियो में व्यस्त था मुझे पेट दर्द का भान नहीं था, जहाँ दर्द के मारे एक-एक पल भारी पड़ रहा था वहाँ आधा घंटा कहाँ छूमंतर हुआ पता ही नहीं चला। लेकिन ये केवल क्षणिक सुख था जैसे ही मैं यूट्यूब की दुनिया से निकलकर वास्तविकता में लौटा, दिमाग ने फिर याद दिला दिया कि दर्द अभी भी बना हुआ है।

फिर सोचा क्या किया जाए, कुछ समझ न आने कि स्थिति में सोचा भूखे रहने से तो कोई हल निकलेगा नहीं तो कुछ खा ही लिया जाए लेकिन फिर प्रश्न कि क्या खाया जाए..? पेट दर्द की स्थिति में बाहर का खाना उचित नहीं और पाक कला में मैं इतना माहिर नहीं कि बिना किसी मदद के कुछ बना लूँ फिर वही समाधान दिखा कि यूट्यूब की शरण में ही जाना पड़ेगा लेकिन कुछ देर पहले ही यूट्यूब का अनुभव लेने के बाद अब फिर से अपने संयम और समय की आहुति देने की हिम्मत नहीं कर पाया सो अपने हिसाब से कुछ बना कर खा लेना ही उचित समझा और इस बीच पेट दर्द भी शांत हो गया लेकिन यूट्यूब की इस कश्मकश में बिना दवाई के ही पेट दर्द का इलाज हो गया। यूट्यूब इस तरह भी मददगार साबित होगा कभी सोचा न था….

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