सहारनपुर: भारत सरकार जहां आधुनिक खेती को बढ़ावा दे रही है. वहीं महिलाओं को भी आगे बढ़ने का हर क्षेत्र में अवसर मिल रहा है. सहारनपुर की रहने वाली 19 वर्षीय शुभावरी चौहान देशभर की लड़कियों व महिलाओं के लिए मिसाल बनी हुई है. शुभावरी चौहान का जन्म 2006 में सहारनपुर की विधानसभा बेहट के छोटे से गांव कोठड़ी बहलोलपुर में संजय चौहान के यहां पर हुआ था. शुभावरी के पिता किसान हैं, जोकि ऑर्गेनिक खेती करने के लिए जाने जाते हैं. धीरे-धीरे शुभावरी बड़ी होती चली गई और 9 साल की उम्र से शुभावरी ने अपने पिता के साथ खेती में हाथ बटाना शुरू किया. खेती करने के साथ-साथ शुभावरी अपनी पढ़ाई भी कर रही है. शुभावरी 19 साल की हो चुकी है और सहारनपुर के मुन्नालाल डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रही है. वहीं शुभावरी 2 साल में ऑर्गेनिक खेती सहित विभिन्न प्रकार की अलग-अलग चीजें जैसे देसी गायों का शुद्ध देसी घी, ऑर्गेनिक खेती, अपनी फसल से इंडिया का नक्शा बनाना, विभिन्न प्रकार का गुड़ बनाना, लड़कियों को जागरूक करना आदि के लिए देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी पहचान बना रही है. शुभावरी चौहान ने खेती को ही अपना बिजनेस बना लिया है और साल में खेती से करोड़ों रुपए की इनकम कर रही है. शुभावरी आसपास के कई गांव की लड़कियों के लिए मिसाल बनी हुई है और उनको देखकर लड़कियां भी खेती में आगे बढ़ रही हैं.
लड़कों को पीछे छोड़ रही सहारनपुर की यह 19 वर्षीय लड़की
किसान शुभावरी चौहान लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि वह 9 साल की उम्र से अपने पिताजी संजय चौहान के साथ खेती करती आ रही हैं. तभी से ही उनका सारा रुझान खेती की ओर आ गया था. 2016 से पूर्ण रूप से ऑर्गेनिक खेती करना शुरू किया था. इससे पहले खरपतवार के लिए थोड़ा पेस्टिसाइड इस्तेमाल करना पड़ता था. लेकिन जब बाद में पता चला कि थोड़ा पेस्टिसाइड भी जहर का काम करता है, इससे लोगों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है. उसके बाद सब कुछ छोड़कर ऑर्गेनिक खेती पर फोकस किया. शुभावरी के पास 20 से अधिक गाय हैं और अब वह गाय आधारित प्राकृतिक खेती करती हैं. जिसमें गाय के गोबर से खाद, गोमूत्र से जीव अमृत इत्यादि बनाकर फसलों पर इस्तेमाल किया जाता है. ऑर्गेनिक खेती में मिलेट्स और विभिन्न प्रकार की सब्जियों को उगाया जाता है, जबकि मुख्य फसल गन्ना है जिसकी प्रोसेसिंग करने के बाद वह गुड़, शक्कर बनाते हैं और उनका गुड़, शक्कर देश के कोने-कोने सहित विदेशों दुबई, पेरिस में भी काफी पसंद किया जा रहा है. शुभावरी चौहान के पास 250 बीघा जमीन है. शुभावरी और उसके पिता दोनों ही मिलकर इस खेती में विभिन्न प्रकार की चीजों को उगाते हैं. शुभावरी ट्रैक्टर भी स्वयं चलाती हैं. यहां तक कि बुलेट पर सुभावरी 50 किलोमीटर का सफर तय कर पढ़ाई करने सहारनपुर शहर भी जाती है. सुबह 4:00 बजे शुभावरी चौहान उठ जाती है उसके बाद गायों की साफ सफाई और दूध निकालने का काम स्वयं करती है. घर का खाना भी शुभावरी चौहान अपनी माता के साथ मिलकर बनाती है. शुभावरी चौहान ने लगभग 50 लोगों को रोजगार भी दे रखा है. शुभावरी चौहान को देखकर लड़के ताज्जुब और लड़कियां खेती की ओर बढ़ रही हैं, शुभावरी को जानवरों से भी बड़ा प्यार है.