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सिर्फ 30 दिन गेहूं की जगह इस चीज की रोटी खाइए, शरीर के एक-एक अंग का हो जाएगा कायापलट, हर तरह से अंतर करेंगे महसूस

हर कोई अपने जीवन से क्या चाहता है. शरीर को लेकर हर व्यक्ति की यही इच्छा होती है कि उसका पेट साफ न रहे, पेट में ब्लोटिंग न हो,गैस न हो, पेट भरा हुआ रहे ताकि ओवर इटिंग न हो, भूख कम लगे, वजन कम रहे, दिमाग सही से काम करे, पेट का पाचन तंत्र मजबूत हो, स्किन पर ग्लोनेस रहे और हमेशा मन खुश रहे. अगर आप ऐसा चाहते हैं तो 30 दिनों तक गेहूं के आटे की रोटियों की जगह मिलेट्स के आटे की रोटियां खाएं. अगर आप ऐसा करेंगे तो पूरे शरीर के अंग-अग का कायापलट हो सकता है. यह बात हम नहीं, बल्कि एक्सपर्ट का कहना है.  . पहले यह जान लीजिए कि मिलेट्स होता क्या है. मिलेट का मतलब मोटा अनाज जिसमें ज्वार, बाजरा, कुटकी, कंगनी, रागी, कोदो आदि मिलेट अनाज में आता है.

कितनी सच है यह बात
मुंबई शेलबाय अस्पताल की डायटीशियन जीनल पटेल बताती हैं कि यदि आप गेहूं के बदले में मिलेट की रोटी खाने का प्लान बना रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत ही बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. वैज्ञानिक रूप से मिलेट पौष्टिक तत्वों का पावरहाउस है. इसमें सबसे अधिक फाइबर होता है. इसके बाद शायद ही कोई ऐसा पौष्टिक तत्व हो जो इसमें न हो. यह आय़रन, जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी आदि से भरा होता है. जीनत पटेल ने कहा कि गेहू में ग्लूटेन होता है यानी यह खून में ग्लूकोज को बढ़ाता है, इससे कई तरह की दिक्कतें होती हैं. ग्लूटेन के कारण पेट में ब्लोटिंग होता है, वजन बढ़कता है, थकान, कब्ज, डायरिया और माइग्रेन का खतरा भी बढ़ता है. लेकिन यदि आप इनकी जगह मिलेट का सेवन करेंगे तो इससे आपका डाइजेशन बेहतर हो जाएगा, वजन कंट्रोल में रहेगा. पेट भरा हुआ महसूस होगा और लंबे समय तक आपके शरीर में एनर्जी बनी रहेगी.

पोषक तत्व का पावरहाउस
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक 174 ग्राम मिलेट में 207 कैलोरी एनर्जी मिल जाती है. वही इतने मिलेट में 6 ग्राम प्रोटीम मिल जाता और 1.7 ग्राम हेल्दी फैट होता है. इससे आवश्यक एमिनो एसिड मिल जाता है. सबसे बड़ी बात यह है कि मिलेट्स में कई तरह की बीमारियों को खत्म करने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. इनमें फेरुलिक एसिड और केटेचिन दो ऐसे

एंटीऑक्सीडेंट्स हैं जो बीमारियों को खत्म करने में कमाल का काम करते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर से फ्री रेडिकल्स को निकालते हैं जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम हो जाता है. दरअसल, बीपी, हार्ट, लिवर, किडनी, डायबिटीज आदि के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार ये फ्री रेडिकल्स ही है. अगर कोशिकाओं में फ्री रेडिकल्स ज्यादा होते हैं तो इन बीमारियों का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है.

पेट साफ करता है
मिलेट्स का सबसे अधिक फायदा यह होगा कि कुछ ही दिनों के अंदर यह आपके पेट को पूरी तरह से साफ कर देगा. यह आंत की लाइनिंग को स्मूथ करेगा और पेट में गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ा देगा. यह मेटाबोलिज्म को बूस्ट करेगा जिससे शरीर को भरपूर एनर्जी मिलेगी और वजन पर भी कंट्रोल करेगा. अगर पेट सही है तो इससे आपका मन भी खुश रहेगा. हेल्दी आंत हर तरह से इंसान को हेल्दी रखता है.

मिलेट से शुगर होगा कंट्रोल
मिलेट में ग्लूटेन नहीं होता. इसमें जो फाइबर और नॉन-स्टार्ची पोलीसैकराइड होते हैं. ये दोनों चीज शरीर में ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देता है. दूसरी ओर मिलेट से वजन भी नहीं बढ़ता है. अगर डायबिटीज के मरीजों का वजन कंट्रोल रहे तो इससे शुगर के कंट्रोल रहने का चांस बहुत ज्यादा हो जाता है.

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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