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छत्तीसगढ़ में छाया बनारसी साड़ियों का जादू, महिलाएं हुई दीवानी, रायपुर में यहां प्रीमियम रेंज में है उपलब्ध

रायपुर. बनारसी साड़ी, जो अपनी शानदार कारीगरी और भव्यता के लिए जानी जाती है, छत्तीसगढ़ में भी महिलाओं की पहली पसंद बन गई है. अभी छत्तीसगढ़ में शादियों का सीजन शुरू हो गया है. ऐसे में महिलाओं के बीच इसकी लोकप्रियता देखते ही बन रही है. छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जैसे शहरों में बनारसी साड़ी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है.

बाजारों में इनकी मांग इतनी अधिक है कि स्थानीय दुकानदार के अलावा बनारस के दुकानदार खुद यहां दुकान लगाने पहुंचे हैं. रायपुर के आकाशवाणी चौक स्थित ग्रास मेमोरियल ग्राउंड में बनारसी साड़ियों का दुकान सजा है. यहां से आप बनारसी साड़ी खरीद सकते हैं.बनारसी साड़ी के दुकानदार शिराज अहमद बनारस के रहने वाले हैं. इनके पास बनारसी साड़ी के 15-20 वैरायटी है. पटोला सिल्क में नई-नई वैरायटी आई है. इनके दाम 2000, 2200 और 2800 रुपए है. वहीं बेम्बू कॉटन वाली बनारसी साड़ी 650 रुपए से स्टार्टिंग होती है. इसमें 700 और 800 रुपए वाली भी मिल जाएगी. कोरा सिल्क की भी साड़ियां यहां उपलब्ध है. प्रीमियम रेंज में 650 रूपए से 7500 रुपए तक की बनारसी साड़ियां मिल जाएगी. बनारसी साड़ियों के अलावा कॉटन में शूट, पटोला सिल्क, मूंगा कॉटन, चंदेरी शूट मिल जाएगी. इन सबकी यह खासियत है कि इसे मशीनों से नहीं हाथों से तैयार किया गया है.

इस वजह से बनारस की साड़ियां है फेमस

दुकानदार शिराज अहमद ने बताया कि बनारस की साड़ियां देश-विदेश में बहुत फेमस है. बनारसी साड़ियां अपनी शानदार कारीगरी, जटिल डिज़ाइन और उच्च गुणवत्ता वाले रेशम के लिए प्रसिद्ध है. ये भारत की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित साड़ियों में से एक है. बनारसी साड़ियों पर गोल्डन और सिल्वर की ज़री से बारीक कढ़ाई की जाती है. इनके डिज़ाइनों में राजसी लुक होता है, जो इन्हें खास बनाता है. इसके अलावा पारंपरिक डिज़ाइन में भारतीय पैटर्न जैसे फूल-पत्तियां, जाल और बूटियां शामिल होती है. बेहतरीन गुणवत्ता वाले रेशम से बनाई जाती है, जो मुलायम के साथ टिकाऊ भी होती है. साथ ही इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है. अगर आप घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर करना चाहते हैं तो इनके मोबाइल नंबर 8318450281 पर संपर्क कर सकते हैं. इनका कहना है कि 2 से 3 दिन के भीतर कुरियर के माध्यम से आप तक साड़ियां पहुंच जाएंगी.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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