देश दुनिया

मुनाफा तो दूर लागत मूल्य भी नहीं मिलने से किसान परेशान, खेतों में छोड़ रहे हैं तैयार सब्जी

रांची (RANCHI) : लागत मूल्य भी नहीं मिलने से रांची समेत अन्य जिलों के सब्जी की खेती करने वाले किसानों परेशान हैं. अधिक पैदावार और कम मांग की वजह से किसानों का आर्थिक नुकसान बढ़ गया है. कुछ किसानों के बताया कि मुनाफा तो दूर प्रति एकड़ उत्पादन लागत में भी पांच से 15 हजार का नुकसान उठाना पड़ रहा है. रांची के आसपास के क्षेत्रों में खेती करनेवाले किसानों का कहना है कि देसी आलू की पैदावार में भी प्रति एकड़ लगभग दस हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. आलम यह है कि खेत से तैयार फसल तोड़कर बाजार तक पहुंचाने का भी खर्च अभी नहीं निकल रहा है. आपको बता दें कि रांची में सब्जियों की पैकेजिंग और प्रसंस्करण यूनिट नहीं होने का भी खामियाजा यहां के किसान सीधे तौर पर भुगत रहे हैं. रांची जिले में करीब 45 हजार हेक्टेयर भूमि पर सब्जी की खेती की जाती है.

इन दिनों किसानों की फूलगोभी, पत्तागोभी और टमाटर की फसल तैयार है. लेकिन किसानों को इन्हें बेहद कम दामों पर बेचना पड़ रहा है. पिछले एक सप्ताह से किसान इस स्थिति से जूझ रहे हैं. बाजार में मौसमी सब्जियों के दाम गिरने से किसानों को सब्जियां बेहद कम दामों पर बेचनी पड़ रही हैं.

हरी सब्जियों का प्रचुर उत्पादन

रांची जिले के इटकी, बेड़ो, ठाकुरगांव, ब्राम्बे, पिठोरिया, रातू और मांडर, बोकारो जिले के पेटरवार, कसमार, खैराचातर, गोला, चितरपुर, सोसो, रामगढ़ जिले के पोना, डोमचांच, फुलवरिया में हरी सब्जियों का जबरदस्त उत्पादन हुआ है. कोडरमा जिले के पूर्णाडीह, धरगांव, चतरा जिले के इटखोरी, सिमरिया, पत्थलगड्डा, गिद्धौर, लातेहार के बालूमाथ और बरियातू जिला, हजारीबाग जिला के बड़कागांव, केरेडारी, चुरचू, कटकमसांडी, गिरिडीह जिला के डुमरी, बगोदर, गांवा, बेंगाबाद समेत कई अन्य क्षेत्र

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button