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प्रोफेसर से सबसे पहले संजीव मुखिया को मिला क्वेश्चन पेपर, छात्रों को सुनसान जगह रखकर जवाब रटवाए… NEET लीक में नया खुलासा

नीट पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस और राज्य की इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट (EOU) जैसे-जैसे अपनी जांच आगे बढ़ा रही है, नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं. अब तक सिकंदर यादवेंदु से लेकर अमित आनंद के नाम की खूब चर्चा हुई. ये दोनों नीट पेपर लीक केस के मुख्य आरोपियों में शामिल हैं. अब बिहार पुलिस को इस केस में संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया उर्फ लुटन की तलाश है. वह इस पूरे मामले का मास्टर माइंड बताया जा रहा है. साल 2010 से कई परीक्षाओं के पेपर लीक कराने में संजीव मुखिया शामिल रहा है आजतक की टीम संजीव मुखिया के ठिकाने पर पहुंची और नीट पेपर लीक केस में उसकी संलिप्तता को लेकर कई बड़ी बातें देश की जनता के सामने रखा. संजीव मुखिया नगरनौसा का रहने वाला है. बिहार पुलिस और ईओयू का मानना है कि नीट का पेपर अगर सबसे पहले कहीं पहुंचा तो वह संजीव मुखिया के पास पहुंचा. उसने 4 मई की रात को पटना के खेमनीचक स्थित लर्न प्ले स्कूल एंड ब्वॉयज हॉस्टल में 20 से 25 अभ्यर्थियों को ठहराया हुआ था. दावा किया जा रहा है कि यहीं पर अभ्यर्थियों को NEET का क्वेश्चन पेपर और उसका आंसर मुहैया कराया गया. संजीव मुखिया को किसी प्रोफेसर ने मोबाइल पर नीट का पेपर भेजा था. लर्न प्ले स्कूल एंड ब्वॉयज हॉस्टल में पटना और रांची के एमबीबीएस स्टूडेंट भी मौजूद थे, जिन्होंने बतौर सॉल्वर नीट पेपर में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर लिखा. यह आंसर उन अभ्यर्थियों को दिया गया, जिनसे पैसे लिए गए थे. संजीव मुखिया ने अपने करीबी प्रभात रंजन की मकान पूरी सेटिंग के लिए किराए पर लिया था. प्रभात रंजन दनियांवा का प्रखंड प्रमुख रह चुका है. उसकी पत्नी भी मुखिया रही है. EOU ने उससे भी पूछताछ की है. वहीं संजीव मुखिया नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज का कर्मी है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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