अश्विन पूर्णिमा का स्नान और दान आज गुरुवार को है. आज अश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि, रेवती नक्षत्र, हर्षण योग, विष्टि करण, दक्षिण का दिशाशूल और मीन राशि का चंद्रमा है. अश्विन पूर्णिमा को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना है. इस योग में आप जो भी कार्य करेंगे, वह सफल सिद्ध होंगे. अश्विन पूर्णिमा को ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें. उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान दें. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. अश्विन पूर्णिमा को आप चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान करें. इससे आपकी कुंडली का चंद्र दोष दूर होगा. स्नान के बाद चावल, दूध, शक्कर, चांदी, सफेद वस्त्र, मोती आदि का दान करना चाहिए. इस दिन आप चंद्रमा के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं. इससे भी आपको लाभ हो सकता है. अश्विन पूर्णिमा के दिन भद्रा और पंचक भी है. हालांकि भद्रा का साया केवल 25 मिनट के लिए ही है.अश्विन पूर्णिमा के दिन गुरुवार व्रत है. इसमें आप भगवान विष्णु की पूजा करें. उनको पीले फूल, चंदन, अक्षत्, हल्दी, धूप, दीप, नैवैद्य, पंचामृत, गुड़, चने की दाल आदि आर्पित करें. इस दौरान विष्णु मंत्र का उच्चारण करें. फिर विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा, गुरुवार की व्रत कथा पढ़ें. उसके बाद विष्णु जी की आरती करें. केले के पौधे की पूजा करें. विष्णु कृपा से आपके जीवन में सुख और शांति आएगी. इस दिन आप देव गुरु बृहस्पति की भी पूजा कर सकते हैं. उनके शुभ प्रभाव से जल्द विवाह के योग बनेंगे. वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होंगी. गुरुवार के दिन हल्दी, पीले चावल, पीले रंग वस्त्र, केला, सोना, केसर, पीतल के बर्तन आदि का दान करने से कुंडली का गुरु दोष दूर होता है. वैदिक पंचांग से जानते हैं अश्विन पूर्णिमा के सूर्योदय, चंद्रोदय, शुभ मुहूर्त, सर्वार्थ सिद्धि योग, भद्रा, पंचक, दिशाशूल, राहुकाल आदि.
आज का पंचांग, 17 अक्टूबर 2024
आज की तिथि- पूर्णिमा – 04:55 पी एम तक, उसके बाद कार्तिक कृष्ण प्रतिपदाआज का नक्षत्र- रेवती – 04:20 पी एम तक, फिर अश्विनीआज का करण- विष्टि – 06:48 ए एम तक, बव – 04:55 पी एम तक, बालव – 03:04 ए एम, 18 अक्टूबर तक, कौलवआज का योग- हर्षण – 01:42 ए एम, 18 अक्टूबर तक, वज्रआज का पक्ष- शुक्लआज का दिन- गुरुवारचंद्र राशि- मीन
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 06:23 ए एमसूर्यास्त- 05:49 पी एमचन्द्रोदय- 05:41 पी एमचन्द्रास्त- चन्द्रास्त नहीं
अश्विन पूर्णिमा स्नान-दान 2024 मुहूर्त और योग
ब्रह्म मुहूर्त: 04:43 ए एम से 05:33 ए एमअभिजीत मुहूर्त: 11:43 ए एम से 12:29 पी एमसर्वार्थ सिद्धि योग: पूरे दिनपूर्णिमा दान की वस्तुएं: चावल, सफेद वस्त्र, चीनी, दूध, मोती, चांदी आदि.
अशुभ समय
राहुकाल- 01:32 पी एम से 02:58 पी एमगुलिक काल- 09:15 ए एम से 10:40 ए एमभद्रा: 06:23 ए एम से 06:48 ए एमभद्रावास: मृत्यु लोक मेंपंचक: 06:23 ए एम से 04:20 पी एमदुर्मुहूर्त: 10:12 ए एम से 10:58 ए एम, 02:46 पी एम से 03:32 पी एमदिशाशूल- दक्षिण
रुद्राभिषेक के लिए शिववास
श्मशान में – 04:55 पी एम तक, फिर गौरी के साथ