आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 11 अक्टूबर को है। यह दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। इस वर्ष शुक्रवार के दिन नवमी है। इस शुभ अवसर पर मां सिद्धिदात्री की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही कन्या पूजन किया जाता है। इसके बाद व्रत खोला जाता है। इस वर्ष अष्टमी एवं नवमी तिथि एक दिन है। इसके लिए दोपहर तक मां महागौरी की पूजा की जाएगी। इसके बाद मां सिद्धिदात्री की साधना की जाएगी। धार्मिक मत है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सिद्धि यानी सफलता मिलती है। साथ ही आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है। इसके अलावा, धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं। अगर आप भी आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं, तो महानवमी पर पूजा के समय इस चालीसा का पाठ अवश्य करें।