आज सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ है। आज पति की लम्बी आयु के लिए महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा है जिसका शाम को पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार पारण करेंगी। आज शाम 7 से रात तकरीबन 9 बजे तक देश भर में चंद्रमा दिख जाएगा। दिल्ली में चंद्रदर्शन 8.13 बजे हो सकेंगे।ज्योतिषीय गणना के अनुसार करवा चौथ पर अब शश, गजकेसरी योग, समसप्तक, बुधादित्य और महालक्ष्मी जैसे राजयोग रहेंगे। करवा चौथ पूजन सामग्री
लकड़ी का आसान,देसी घी, पान, सींक, कलश, हल्दी, रोली ,मौली ,मिठाई ,छन्नी ,लोटे में भरने के लिए चावल ,दान की सामग्री ,अक्षत ,चंदन ,फल ,पीली मिट्टी ,फूल ,मिट्टी या तांबे का करवा और ढक्कन और करवा चौथ व्रत कथा किताब।करवा चौथ के दिन बन रहे ये शुभ चौघड़िया मुहूर्त
चर -सामान्य: प्रातः 07:49 से प्रातः 09:14
लाभ -उन्नति: प्रातः 09:14 से प्रातः 10:40
अमृत-सर्वोत्तम:प्रातः10:40 से दोपहर 12:05
शुभ -उत्तम: सायं 05:45 से सायं 07:20
अमृत -सर्वोत्तम:सायं 07:20 से रात्रि 08:55
करवा चौथ के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:43 से प्रातः 05:34
प्रातः सन्ध्या- प्रातः 05:08 से प्रातः 06:24
अभिजित मुहूर्त- प्रातः 11:42 से दोपहर 12:27
विजय मुहूर्त- दोपहर 01:58 से दोपहर 02:44
गोधूलि मुहूर्त- सायं 05:45 से सायं 06:11
सायाह्न सन्ध्या- सायं 05:45 से सायं 07:01
करवा चौथ के दिन को और खास बनाने के लिए आप इन संदेशों के माध्यम से जीवनसाथी को करवा चौथ की शुभकमानएं दें सकते हैं। इससे आपके प्यार और रिश्ते में मिठास बढ़ेगी।
आए और लाए खुशियां हजार,
यही है हमारी दुआ,
आप हर बार मनाएं यह त्योहार,
सलामत रहें आप और आपका परिवार।
करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं
धन्य वह देवी जो पति सुख हेतु करवा चौथ का व्रत पावे
धन्य वह पति जो देवी रूप ऐसी पत्नी पावे,
धन्य वह स्वरूप जो मनुष्यता का दीप जलावे।
करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं
चांद की तरह दमके आपका जीवन,
प्यार और खुशियों से भर जाए आपका संसार।
करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं
पांच शुभ योग में करवा चौथ का व्रत
20 अक्तूबर को करवा चौथ का पर्व मनाया जाएगा। वैदिक पंचांग के मुताबिक करवा चौथ पर एक साथ कई तरह के शुभ योगों का निर्माण देखने को मिलेगा। करवा चौथ पर चंद्रमा और गुरु का संयोग वृषभ राशि में बनने से गजकेसरी राजयोग का निर्माण होगा। वही इस दिन महालक्ष्मी, शश, समसप्तक और बुधादित्य राजयोग का शुभ संयोग देखने को मिलेगा। चंद्रमा इस दिन रोहिणी नक्षत्र में रहेगा।करवा चौथ पर आटे के दीपक से पूजा करने का महत्व
हिंदू धर्म में आटे के दीपक को बेहद शुद्ध और पवित्र माना जाता है। वास्तु के अनुसार आटे के दीपक का इस्तेमाल किसी विशेष तरह की मनोकामना की पूर्ति के लिए किया जाता है। वहीं करवा चौथ का व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है, इसलिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आटे के दिये से पूजा करना शुभ होता है। माना जाता है कि जिसकी लंबी उम्र की कामना करते हुए आटे का दीपक जलाया जाता है उसे यमराज की पीड़ा नहीं सहनी पड़ती।
करवा चौथ व्रत की पौराणिक मान्यताएं भी है। जिससे अनुसार पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत की परंपरा सतयुग से चली आ रही है। इसकी शुरुआत सावित्री के पतिव्रता धर्म से हुई। जब यम आए तो सावित्री ने अपने पति को ले जाने से रोक दिया और अपनी दृढ़ प्रतिज्ञा से पति को फिर से पा लिया। तब से पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत किये जाने लगा। वहीं एक दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत में वनवास काल में अर्जुन तपस्या करने नीलगिरि के पर्वत पर चले गए थे तब द्रोपदी ने अर्जुन की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण से मदद मांगी। उन्होंने द्रौपदी को वैसा ही उपवास रखने को कहा जैसा माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। द्रौपदी ने ऐसा ही किया और कुछ ही समय के बाद अर्जुन वापस सुरक्षित लौट आए।करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय
वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक 20 अक्तूबर को करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय शाम 07 बजकर 53 मिनट पर होगा। देशभर के अलग-अलग शहरों में चांद के निकलने के समय में कुछ बदलाव हो सकता है। मूलांक 05 : इस मूलांक के स्वामी देवता बुध ग्रह की अनुकूलता के लिए हरी साड़ी, हरी चूड़ी एवं पन्ने के आभूषण से श्रृंगार करें, ताकि दांपत्य जीवन में भी हरियाली छाई रहे।
मूलांक 06 : इस मूलांक के स्वामी देवता शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने एवं दांपत्य जीवन में सुख-सौभाग्य की वृद्धि के लिए हीरे से बने आभूषण से अपना श्रृंगार करें और गाय को चारा खिलाएं।
मूलांक 07 : इस मूलांक के स्वामी देवता, छाया ग्रह केतु की प्रसन्नता के लिए शादी में पहना हुआ लहंगा धारण करें और पति की दीर्घायु के लिए शिव मंदिर में ध्वजा लगवाएं।
मूलांक 08 : इस मूलांक के स्वामी देवता शनि ग्रह की अनुकूलता एवं अपने पति को पराई नजरों से बचाने के लिए करवा चौथ के दिन अपनी आंखों का काजल पति के माथे पर लगाएं।
मूलांक 09 : इस मूलांक के स्वामी देवता मंगल ग्रह की प्रसन्नता के लिए करवा चौथ के दिन लाल रंग का उपयोग करें, चाहे वह परिधान हो या फिर श्रृंगार, ताकि सुख-सौभाग्य निरंतर आपके जीवन में बना रहे।मूलांक के अनुसार करें श्रृंगार
मूलांक 01: इस मूलांक के स्वामी देवता सूर्य के आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना सदा कल्याणकारी रहेगा, साथ ही करवा चौथ के दिन नारंगी रंग की साड़ी अथवा परिधान पहनकर सोलह श्रृंगार करें।
मूलांक 02: इस मूलांक के स्वामी देवता चंद्रमा के आराध्य शिव शंकर की आराधना एवं शिव चालीसा का पाठ करें तो उन्हें पति के साथ सामंजस्य बढ़ाने में अनुकूलता प्राप्त होगी, साथ ही करवा चौथ के दिन मोती अथवा सीप की माला और आभूषण से अपना श्रृंगार करें।
मूलांक 03: इस मूलांक के स्वामी देवता, देवगुरु बृहस्पति से सौभाग्य वृद्धि की कामना के लिए पीली साड़ी पहनकर पति का दीदार करें। जब भी तनाव हो तो पीले वस्त्रों का उपयोग कर दांपत्य जीवन में मधुरता पाई जा सकती है।
मूलांक 04: इस मूलांक के स्वामी देवता, छाया ग्रह राहु की प्रसन्नता के लिए करवा चौथ के दिन अपनी शादी में पहना हुआ परिधान धारण करें।करवा चौथ मेहंदी डिजाइन
इस करवा चौथ आप इस तरह की मेहंदी डिजाइन भी रचा सकती हैं, जो काफी यूनिक और रचने पर सुंदर दिखती है। आप आसानी से इस तरह की डिजाइन हथेलियों पर लगा सकती हैं। हर किसी की नजर आपकी मेहंदी डिजाइन पर जाएगी।करवा चौथ मेहंदी डिजाइन
सुहागिनों का व्रत और त्योहार सोलह श्रृंगार के बिना अधूरा माना जाता है। सुहागन का जोड़ा पहन स्त्रियां मांग में सिंदूर, बिंदी, महावर और गहने पहनकर तैयार होती हैं। सोलह श्रृंगार में मेहंदी का भी महत्व है। करवा चौथ पर महिलाएं पति के नाम की मेहंदी अपने हाथों में रचाती हैं। यहां दी गई यूनिक मेहंदी डिजाइन आप इस करवा चौथ अपने हाथों पर रचा सकती हैं
पूजा की थाली को सजाने के तरीके
- वैसे तो बाजार में डेकोरेट थालियां मिल जाती हैं, लेकिन अगर आप घर पर ही पूजा की थाली को सजाना चाहते हैं तो सबसे पहले एक बड़े आकार की थाली लें, जिसमें सारा सामान सेट किया जा सके।
- थाली पर आप पेंट कलर से फूल, सुंदर कलाकृति या ओम आदि लिखकर भी सजा सकते हैं। इसके अलावा हल्दी को चावल के आटे के घोल में मिलाकर उससे भी थाली पर स्वास्तिक या ओम बना सकते हैं।
- इसके बाद फूलों की पंखुड़ियों से थाली को सजाएं।
- अब करवा चौथ की पूजा के लिए जरूरी सामान को थाली में सेट करें। आप जल के लोटे और थाली में मौजूद सभी बर्तनों पर भी स्वास्तिक बना सकते हैं।
- साथ ही थाली के किनारे पर गोलाई से गोटा पट्टी को भी चिपका सकते हैं ये भी देखने में आकर्षक लगता है
पूजा की थाली सजाने के लिए सामग्री
करवा (मिट्टी या धातु का पात्र)
दीया (तेल या घी का दीपक)
रोली या कुमकुम
पानी का लोटा (अर्घ्य के लिए)
चलनी (चांद देखने के लिए)
अक्षत, चंदन, धूप, फूल, मिठाई, सिंदूर, फल