धर्म

कब से शुरू होगा खरमास? जब बंद हो जाएंगे सभी शुभ कार्य, ऐसे करें सूर्य देव की पूजा

हिंदू धर्म में खरमास का समय बहुत ही महत्व रखता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, खरमास साल में दो बार लगता है। राशि चक्र के अनुसार, यह साल का पहला खरमास है। माना जाता है कि खरमास की अवधि में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य जैसे – शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश और नया व्यवसाय आदि कार्य करने से बचना चाहिए। यह कुल एक माह तक चलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान (Kharmas 2024) भगवान सूर्य की उपासना का विधान है। ऐसे में इस समय भगवान सूर्य को जल अवश्य चढ़ाएं और उनके  वैदिक मंत्रों का जाप करें, तो आइए इसकी सही डेट जानते हैं।हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सूर्य देव धनु राशि में 15 दिसंबर दिन रविवार को रात्रि 10 बजकर 19 मिनट पर गोचर करेंगे। इस अवधि पर धनु संक्रांति होगी। पंचांग को देखते हुए इस साल खरमास 15 दिसंबर से शुरू होगा। वहीं, साल 2025 में सूर्य देव मकर राशि में 14 जनवरी मंगलवार को प्रवेश करेंगे और इसी दिन खरमास का समापन होगा।

 

भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की सही विधि ( Kharmas 2024 Surya Arghya Niyam)

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करें।
  • हमेशा उगते सूर्य को अर्घ्य देने की कोशिश करें।
  • जल में रोली, अक्षत, गुड़ व लाल फूल डालकर अर्घ्य दें।
  • फिर भगवान सूर्य को प्रणाम करें और उनके वैदिक मंत्रों का जाप करें।
  • सूर्य चालीसा का पाठ करें।
  • फिर धूप, दीप और कपूर से सूर्य देव की आरती करें।

    भगवान सूर्य अर्घ्य मंत्र (Kharmas 2024 Surya Pujan Mantra)

    • ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।
    • ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात।।
    • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
    • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर।।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं।  जगन्नाथ डॉट कॉम यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें।  जगन्नाथ डॉट कॉम अंधविश्वास के खिलाफ है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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