देवघर: पहले जब मौसम विभाग नहीं था, तब लोग प्राकृतिक टोटकों या ज्योतिष शास्त्र की भविष्यवाणी पर निर्भर रहते थे. बारिश कैसी होगी? यह सवाल सदियों से किसानों के मन में हर मानसून के पहले उठता आया है. 23 जून को पूर्णिमा तिथि के साथ ही आषाढ़ महीने की शुरुआत होने वाली है. माना जाता है कि आषाढ़ महीना किसानों के लिए खास रहता है, क्योंकि इसी महीने में मानसून का आगमन होता है.वहीं, ग्रह-नक्षत्र की गणना कर ज्योतिषी भी बारिश की भविष्यवाणी सदियों से करते आ रहे हैं. बारिश के लिए ज्योतिषी कई प्रकार के नक्षत्र का जिक्र करते हैं. इसी कड़ी में आषाढ़ महीने में बारिश को लेकर देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य नंदकिशोर मुद्गल ने भी एक भविष्यवाणी की है. उन्होंने जगन्नाथ डॉट कॉम को बताया कि 23 जून को पूर्णिमा तिथि के साथ आषाढ़ महीने की शुरुआत होने वाली है और यह आषाढ़ महीना 21 जुलाई तक चलने वाला है.
तो 2 महीने पड़ जाएगा सूखा!
ऋषिकेश पंचांग में उल्लेख है कि” आषाढ़ मासे प्रथमये पक्षे निराभय दृस्टिये रवि मंडले च ना विद्युते ग्रुजती नेव मेघो मासस तत्र तवम ना वर्षश्ती इष्य”, यानी यदि आषाढ़ माह का पहला दिन किसानों के लिए बेहद शुभ माना जाता है. क्योंकि, इसी दिन से बारिश का अनुमान लगाया जाता है. इस साल आषाढ़ महीने के पहले दिन रविवार (23 जून) पड़ रहा है. इस दिन अगर आकाश में बादल गरजे नहीं, बिजली चमकी नहीं या फिर पानी की एक बूंद भी न गिरी तो पूरे 2 महीने सुखाड़ की संभावना ज्यादा रहेगीइन नक्षत्रों में सबसे ज्यादा बारिश
वैसे तो ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों का वर्णन मिलता है, लेकिन इन सभी में हथिया, चित्रा, आद्रा और भद्रा इन 4 नक्षत्र में सबसे ज्यादा बारिश होती देखी गई है.Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का जगन्नाथ डॉट कॉम व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.