देवघर. सभी एकादशी में निर्जला एकादशी बेहद कठिन व्रत माना जाता है, क्योंकि इस दिन महिलाएं बिना अन्य जल ग्रहण किए हुए व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करती हैं. इसके साथ ही 24 एकादशी में निर्जला एकादशी सर्वश्रेष्ठ एकादशी माना जाता है. निर्जला एकादशी का व्रत बड़े ही नियम और विधि विधान के साथ किया जाता है. कई ऐसे कार्य हैं, जो निर्जला एकादशी के दिन बिल्कुल वर्जित माने जाते हैं.अगर आप ऐसे कार्य करते हैं तो माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाएंगी और घर में दरिद्रता आना निश्चित है, लेकिन अगर जातक नियम विधि विधान के साथ इस व्रत का पालन करते हैं तो घर में सुख समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि होगी. इसके साथ ही सभी पापों से मुक्ति मिलेगी और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होगी. अगर आप भी निर्जला एकादशी के दिन व्रत कर रहे हैं तो जान लें क्या हैं सही नियम?क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने जगन्नाथ डॉट कॉम के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि जेठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है. इस साल 18 जून को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. 19 जून को सूर्योदय के बाद ही इस एकादशी का पारण किया जाएगा. निर्जला एकादशी के दिन विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इससे सारे दुखों से निजात मिल जाती है. इस साल निर्जला एकादशी के दिन बेहद अद्भुत संयोग बनने जा रहा है. निर्जला एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, शिववास के साथ हस्ता नक्षत्र रहने वाला है, जो बेहद शुभ योग है. लेकिन निर्जला एकादशी के दिन कुछ कार्य ऐसे हैं जो बिल्कुल भी नहीं करने चाहिए .अगर आप करते हैं तो आपका व्रत निष्फल हो जाएगा और शुभ योग की प्राप्ति नहीं होगी.निर्जला एकादशी के दिन बिलकुल भी न करें ये कार्य…
चावल ना बनाएं…
निर्जला एकादशी के दिन घर में चावल नहीं बनाएं और ना ही चावल का सेवन करना चाहिए. ऐसा करने से व्रत निष्फल माना जाता है.
नमक का सेवन ना करें…
निर्जला एकादशी के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से एकादशी व्रत नष्ट हो जाता है.
तामसिक भोजन बिल्कुल भी ना करें…
एकादशी के दिन अगर आप तामसिक भोजन करते हैं तो माता लक्ष्मी और रुष्ट हो जाएंगी और घर में दरिद्रता आना निश्चित होगा.
तुलसी का पत्ता न तोड़े…
निर्जला एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता बिल्कुल भी नहीं तोड़ना चाहिए और ना ही उस दिन तुलसी में जल अर्पण करें. माना जाता है कि उस दिन मां तुलसी भी व्रत रखती हैं.
बेड पर ना सोएं…
तुलसी के दिन बेड पर नहीं सोना चाहिए, हो सके तो जमीन पर ही सोए.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का जगन्नाथ डॉट कॉम व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.