धर्म

भगवान श्री जगन्नाथ महाप्रभु जी की द्वादश यात्राओं में से एक ’’स्नान यात्रा’’ 11 जून को पूरे विधि विधान के साथ सम्पन्न की जायेगी।

“भगवान श्री जगन्नाथ महाप्रभु जी की द्वादश यात्राओं में से एक ’’स्नान यात्रा’’ 11 जून को पूरे विधि विधान के साथ सम्पन्न की जायेगी। जेष्ठ पूर्णिमा के दिन श्री विग्रहों की पवित्र स्नान यात्रा अनुष्ठित होती है। प्रातः काल में मंगलार्पण के उपरांत विग्रहों को डोर लगाने के बाद घण्टा, काहाल और छत्री सहित स्नान मण्डप के लिये यात्रा शुरू हो जाती है। 
 उक्ताशय जी जानकारी देते हुये गायत्री नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के संस्थापक, अध्यक्ष एवं विधायक रायपुर नगर उत्तर श्री पुरन्दर मिश्रा ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 11 जून को प्रातः 10ः00 बजे से 12ः00 बजे तक भगवान श्री जगन्नाथ महाप्रभू जी की ’’स्नान यात्रा’’ जगन्नाथ संस्कृति के अनुरूप सम्पन्न की जायेगी। देवी शीतला के सामने होने वाले ’’सुना कूअ’’ नाम के कूप से 108 कलषों के अभिमंत्रित जल से शास्त्रोक्त विधि के अनुसार श्री विग्रहों का स्नान सम्पन्न होता है। तदुउपरांत स्नानवेदी पर विराजमान श्री विग्रहों को हाथीवेश या गजानन वेष से अलंकृत किया जाता है। स्नान पूर्णिमा से आषाढ़ अमावस्या तक श्री विग्रह अणसर (अस्वस्थ या क्वारंटाईन) में रहते है। 26 जून को जगन्नाथ जी का नेत्र उत्सव तथा उसके पश्चात 27 जून को ’’रथ यात्रा’’ अत्यंत ही धूम धाम से राज्य के संरक्षक महामहिम राज्यपाल एवं मान.मुख्यमंत्री सहित समस्त मंत्री गण, स्थानीय विधायक गण एवं उपस्थित श्रद्वालुओं की उपस्थिति में मनाया जायेगा।”

Manoj Mishra

Editor in Chief

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