भारत ने शनिवार को अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई मुलाकात क स्वागत करते हुए कहा कि आगे का रास्ता केवल बातचीत और कूटनीति से ही निकल सकता है। विदेश मंत्रालय का यह बयान ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच मुलाकात के एक दिन बाद आया है। पुतिन एक दशक में पहली बार यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए एक शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिका आए थे।विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, “भारत अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई शिखर बैठक का स्वागत करता है। शांति की दिशा में उनका नेतृत्व अत्यंत सराहनीय है।” बयान में आगे कहा गया है, “भारत शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करता है। आगे का रास्ता केवल बातचीत और कूटनीति से ही निकल सकता है। दुनिया यूक्रेन में संघर्ष का शीघ्र अंत देखना चाहती है।”
इससे पहले ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को समाप्त कराने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का में शिखर बैठक की थी लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही और कई मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच कोई सहमति नहीं बन सकी। ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि अलास्का के एंकोरेज में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी बहुत ही उपयोगी बैठक हुई लेकिन शिखर सम्मेलन यूक्रेन संकट पर किसी समझौते के बिना समाप्त हो गया। वहीं, पुतिन ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए तथा ट्रंप के साथ उनका समझौता यूक्रेन में शांति का मार्ग प्रशस्त करेगा।
पुतिन-ट्रंप मुलाकात के बाद अब ट्रंप और जेलेंस्की की बैठक होने जा रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि वह अगले सप्ताह वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की योजना बना रहे हैं। जेलेंस्की ने कहा कि अलास्का में पुतिन और ट्रंप के बीच मुलाकात के बाद शनिवार को उन्होंने ट्रंप के साथ ‘‘लंबी और सार्थक’’ बातचीत की। उन्होंने सोमवार को वाशिंगटन में व्यक्तिगत रूप से मिलने के निमंत्रण के लिए ट्रंप का आभार व्यक्त किया और कहा कि वे ‘‘हत्या और युद्ध को समाप्त करने पर चर्चा करेंगे।’’ जेलेंस्की ने बातचीत में यूरोप को शामिल करने के महत्व पर जोर दिया।