धर्म

जुलाई में सिर्फ 7 दिन ही गूंजेगी शहनाई, इस माह में विवाह मुहूर्त कब-कब है, जानें

धन, वैभव, प्रेम, सौंदर्य और सुख-समृद्धि के कारक शुक्र ग्रह (Shukra uday) 29 जून को उदय हो चुका है. मिथुन राशि में शुक्र उदय होने के आठ दिनों के बाद मांगलिक कार्यों पर लगा विराम भी हट जाएगा और शहनाई गूंजेगी. जुलाई के महीने में विवाह के लिए महज 7 दिन का ही शुभ मुहूर्त मिल रहा है. आइए जानते हैं कब-कब है जुलाई 2024 में शादी के शुभ मुहूर्त.

जुलाई 2024 में गूंजेंगी शादी की शहनाई (Marriage Date list in July 2024)

 

जुलाई माह के पहले पखवाड़े में विवाह के कुछ श्रेष्ठ मुहूर्त है. उसके बाद फिर चार माह की योग निद्रा में श्री हरि चले (Chaturmas) जाएंगे. मांगलिक कार्य थम जाएंगे. 29 अप्रैल को शुक्र के अस्त होने के कारण मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया था. विवाह और अन्य मांगलिक कार्यो के लिए शुक्र तारे के उदय होना बेहद जरूरी होता है. शुक्र उदय होने के आठ दिन के बाद विवाह के लिए मुहूर्त मिल रहा है.

 

मई-जून में नहीं थे विवाह के मुहूर्त

 

वैदिक पंचांग के अनुसार 29 अप्रैल 2024 को शुक्र अस्त (Shukra asta) हुए थे. उसके बाद 6 मई को गुरु भी अस्त हो गए. इसके कारण मई और जून महीने में शादी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं बन रहा था लेकिन अब 29 जून को शुक्र उदय हो चुके हैं.

 

जुलाई में 7 दिन विवाह के मुहूर्त (July Vivah Muhurat)

    • विवाह के लिए जुलाई के महीने में 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15 तारीख को विवाह मुहूर्त मिलेंगे. शादी-विवाह के साथ ही नामकरण, जनेऊ, मुंडन, गृहप्रवेश, भूमि पूजन, भवन-वाहन, आभूषण की खरीदारी शुरू हो जाएगी.

 

    • फिर 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी (Devshayani ekadashi) के बाद चातुर्मास का आरंभ हो जाएगा. इन चार महीनों में मांगलिक और शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी.

 

    • इसके बाद 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी (Dev uthani ekadashi) से मांगलिक कार्य फिर शुरू हो जाएंगे और 14 दिसंबर तक चलेंगे. नवंबर में विवाह के सात और दिसंबर में आठ शुभ मुहूर्त मिलेंगे.

नवंबर और दिसंबर में विवाह का शुभ मुहूर्त (Vivah muhurat 2024 in November and December)

 

पंचांग के अनुसार नवंबर महीने की 16, 17,18, 22, 23, 24, 25, 26, 28 तारीख को विवाह का मुहूर्त है. उसके बाद दिसम्बर महीने में 2, 3, 4, 5, 9 , 10 , 11, 13, 14, 15 तारीख को विवाह का लग्न है. पिछले साल की अपेक्षा देखा जाए तो इस साल अलग अलग कारणों के चलते विवाह के मुहूर्त 35 दिन कम है.

 

नवंबर में देवउठनी तक प्रतीक्षा

 

17 जुलाई को चातुर्मास का आरंभ होगा, जिससे चार महीने तक मांगलिक और शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी. अगस्त से अक्टूबर तक मांगलिक कार्यों के लिए कोई अनुकूल शुभ मुहूर्त नहीं है. सीधे नवंबर में देवउठनी एकादशी से पुन: शुभ कार्य आरंभ होंगे.साल के अंत में भी शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त कम ही रहेंगे. 12 नवंबर से 15 दिसंबर के मध्य ही मांगलिक कार्यों के कुछ श्रेष्ठ मुहूर्त है.

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए गुरु और शुक्र ग्रह जिम्मेदार

 

गुरु कन्या सुख कारक हैं तो शुक्र ग्रह पति सुख कारक हैं इसलिए शादी विवाह में गुरु और शुक्र का उदित होना जरूरी है. ज्योतिष शास्त्र में गुरु वैवाहिक जीवन तो शुक्र ग्रह दांपत्य जीवन के कारक ग्रह हैं इसलिए इनके अस्त होने पर विवाह नहीं होते. दोनों ग्रहों का शुभ विवाह के लिए उदय होना शास्त्र सम्मत माना जाता है.

 

गुरु और शुक्र ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है और अच्छी मैरिड लाइफ के लिए यही ग्रह जिम्मेदार माने जाते हैं. कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होने पर जीवनसाथी के साथ हमेशा तालमेल बना रहता है और एक दूसरे को समझते हुए सभी कार्य करते हैं.

 

शुक्र – गुरु ग्रह के अस्त होने पर विवाह नहीं होते

 

विवाह मुहूर्त की गणना करते समय शुक्र तारा और गुरु तारा पर विचार किया जाता है. बृहस्पति और शुक्र के अस्त होने पर विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते है इसलिए, इस दौरान कोई विवाह समारोह नहीं किया जाना चाहिए.

 

चार राशियों को होगा विशेष फायदा 

शुक्र उदय होने से वृषभ, सिंह, तुला और कुंभ राशि वालों के लिए बेहतर रहेगा. वृषभ राशि वालों को धनलाभ, सिंह राशि को भौतिक सुखों की प्राप्ति, तुला राशि को निवेश से लाभ और कुंभ राशि वालों को मान-सम्मान की प्राप्ति होगी.

 

शुभ विवाह मुहूर्त 2024 (July, November, December marriage muhurat 2024)

 

    • जुलाई: 9 से 15 (7 दिन)

 

    • नवंबर: 16 से 18, 22 से 26,28 ( 9 दिन)

 

  • दिसंबर: 2 से 5, 9 से 11, 13 से 15 (10 दिन)

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि  जगन्नाथ डॉट कॉम किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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