धर्म

काला धागा बांधने में कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलतियां, जानें इसके नियम

वाराणसी: आम तौर पर बुरी नजर से बचने-बचाने के लिए लोग काले धागे का प्रयोग करते है. नेगेटिव ऊर्जा से बचाने में यह काफी चमत्कारी टोटका माना जाता है. शरीर के अलग- अलग हिस्से जैसे हाथ की कलाई, पांव और कमर में लोग इसे बांधते है. खासकर छोटे बच्चों को नजर से बचाने के लिए इसका प्रयोग होता है. लेकिन, काला धागा बांधते समय कई चीजों का ख्याल भी रखना चाहिए, नहीं तो इसका नुकसान भी आपको झेलना पड़ सकता है.

काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि आम तौर पर लोग घर में ही बच्चों को काला धागा बांध देते है. लेकिन, इसे बांधने की सबसे सही जगह भैरव मंदिर या शनि मंदिर होता है. रविवार के दिन भैरव मंदिर में जाकर वहां से काला धागा खरीदना चाहिए. इसके बाद उसे बाबा काल भैरव को चढ़ाना चाहिए. फिर उसे हाथ, पैर या कमर पर बांधना चाहिए.

काले धागे के साथ दूसरे रंग का धागा नहीं करें धारण
इसके अलावा काला धागा जब शरीर पर धारण करें, तो उसके साथ किसी और रंग का धागा शरीर पर नहीं धारण करना चाहिए. इससे आपके जीवन में मुश्किलें बढ़ सकती है. क्योंकि, काला धागा शनि से संबंधित होता है.

स्त्री और पुरुष किस पैर में बांधे?
काला धागा को धारण करने के लिए दिन के साथ उसको सही जगह का भी ख्याल रखना चाहिए. स्त्री को बाएं हाथ या पैर में धारण करना चाहिए, जबकि पुरुषों को दाएं हाथ और पैर में इसे पहनना चाहिए.

ऐसी अवस्था में जरूर धारण करें काला धागा
इन सब के अलावा अगर आपकी कुंडली में शनि की साढ़े साती, ढैय्या या अंतर्दशा चल रही है तो आप काला धागा धारण कर सकते हैं. इससे आपको फायदा मिलेगा. इसे धारण करने के बाद एक और बात का खास ख्याल रखना चाहिए. इसे पहनने के बाद किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए. इससे भी शनि देव की कृपा प्राप्त होती है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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