अगर आपका या परिवार के किसी सदस्य का सेविंग्स बैंक अकाउंट देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक यानी पंजाब नेशनल बैंक में है तो आपको के लिए एक खास जानकारी है. बैंक ने खुद इस बारे में जानकारी दी है. बैंक का कहना है कि एक खास तरह के सेविंग्स अकाउंट को वो बंद करने जा रहा है. इससे पहले पंजाब नेशनल बैंक इस तरह के खाते को बचाने के लिए एक मौका भी दे रहा है. आगे हम इसकी पूरी डिटेल्स दे रहे हैं.दरअसल, बैंक के पास कई ऐसे सेविंग्स अकाउंट्स हैं, जिनमें कई सालों से कोई लेन-देन नहीं हुआ है. इन अकाउंट्स में पैसे भी नहीं हैं. अब बैंक ने कहा है कि पिछले 3 साल से जो सेविंग्स अकाउंट इनएक्टिव हैं और इनमें कोई बैलेंस भी नहीं हैं, ऐसे सेविंग्स अकाउंट को बंद किया जाएगा. हालांकि, 31 मई 2024 तक अगर इस तरह के अकाउंट का KYC पूरा किया जाता है तो बात बन सकती है. इसके बाद बैंक कि ओर से कोई नोटिस नहीं जारी होगा.कब बंद होंगे ये इनएक्टिव अकाउंट्स?
पीएनबी में ये इनएक्टिव अकाउंट्स 1 जून 2024 को बंद होंगे.किन पीएनबी अकाउंट्स पर नहीं पड़ेगा इसका असर?
जो सेविंग्स अकाउंट किसी डीमैट अकाउंट, लॉकर्स से लिंक हैं उन्हें बंद नहीं किया जाएगा. 25 साल की उम्र से कम के छात्रों के और बच्चों के अकाउंट्स नहीं बंद होंगे. इसके अलावा PMJJBY, PMSBY, SSY, APY या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के लिए खोले गए अकाउंट्स को भी नहीं बंद किया जाएगा. अगर किसी अकाउंट को कोर्ट, टैक्स विभाग या ऐसे किसी अथॉरिटी ने फ्रीज किया है तो उन्हें भी बंद नहीं किया जाएगा.
अगर आपका अकाउंट बंद हो गया तो आप क्या कर सकते हैं?
अगर आपका अकाउंट बंद हो गया है तो आप इसे KYC डॉक्युमेंट्स जमा कर रिएक्टिवेट करा सकते हैं. इसके लिए नजदीकी बैंक ब्रांच जाना होगा. अकाउंट बंद होने से बचाने के लिए आपको 31 मार्च 2024 तक नजदीकी बैंक ब्रांच में KYC डॉक्युमेंट जमा करना होगा.
KYC प्रक्रिया में किन चीजों की जरूरत होगी?
केवाईसी प्रक्रिया के लिए आपको पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस जैसे आइडेंटिफिकेशन प्रुफ देना होगा. इसके अलावा एड्रेस प्रुफ के तौर पर आधार कार्ड, बिजली बि, पानी का बिल या हाउस टैक्स की रसीद देनी होगी.
पीएनबी ऐसे अकाउंट्स को बंद क्यों कर रहा?
दरअसल, बैंक किसी भी तरह की सिक्योरिटी रिस्क से बचने के लिए ऐसे अकाउंट्स को बंद करते हैं. साथ ही बैंक को सुनिश्चित करना होता है कि इस तरह के अकाउंट्स का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सके