छत्तीसगढ़

माता सीता को खोजने के दौरान इस पहाड़ी पर ठहरे थे हनुमान, यहां आज भी मौजूद हैं पदचिह्न

कोरबाः कोरबा जिले के कटघोरा में स्थित चकचकवा पहाड़ पर विराजे हनुमानजी पर लोगों की गहरी आस्था जुडी हुई है. लोगों का मानना है कि यहां हनुमानजी आए थे और कुछ समय के लिए ठहरे भी थे. यहां हनुमान जी के पदचिह्न भी मौजूद हैं. इस जगह को हनुमानगढ़ी के नाम से जाना जाता है.हनुमानगढ़ी मंदिर कटघोरा अंबिकापुर मार्ग पर कोरबा जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर चकचकवा पहाड़ पर स्थित है.पहाड़ की चोटी पर चढ़ने के बाद नजारा बेहद मनोरम नजर आता है. मंदिर को लेकर यहां के लोगों में एक मान्यता प्रचलित है. जिसके अनुसार रावण ने जब माता सीता का हरण कर लिया था. तब हनुमान उन्हें ढूंढने निकले थे. इसी दौरान वह चकचकवा पहाड़ पर ठहरे थे. तब उनके पैरों के निशान बन गए थे. इस पहाड़ पर एक पैर का निशान आज भी मौजूद है 

नजारा भी बेहद खूबसूरत
पहाड़ की चोटी पर भगवान राम, लक्ष्मण और सीता का भव्य मंदिर भी है. हनुमान की पहली प्रतिमा यहां पर सन 1974 में स्थापित की गई थी. वहीं लोगों का कहना है कि कुछ साल पहले चकचकवा पहाड़ पर हनुमानगढ़ी परिसर का भव्य विकास किया गया है. ऊपर से नीचे का नजारा भी बेहद खूबसूरत है, जिससे आकर्षित होकर ना सिर्फ जिले बल्कि राज्य भर से लोग यहां पहुंचते हैं. खूबसूरत नजारा देखने के साथ-साथ यह मंदिर हनुमान भक्तों के लिए आस्था का एक बहुत बड़ा केंद्र बना हुआ है. ऐसे तो भक्तों का तांता यहां प्रत्येक दिन लगा रहता है लेकिन मंगलवार को भक्तों की भारी भीड़ यहां देखने को मिलती है.

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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