सनातन परंपरा में किसी भी मास के शुक्लपक्ष की 15वीं तिथि पूर्णिमा कहलाती है. यह महीने में एक बार और साल भर में कुल 12 बार आती है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस पावन तिथि पर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देवता की विशेष पूजा करने का विधान है. इस दिन आसमान में चंद्र देवता पूर्ण आकृति लिए दिखाई देते हैं. ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है, ऐसे में पूर्णिमा की पूजा मन शांति कामनाओं को पूरा करने के लिए अत्यंत ही फलदायी मानी गई है. आइए मार्गशीर्ष यानि अगहन पूर्णिमा से जुड़े अचूक उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
गंगा स्नान से दूर होंगे सारे दोष
सनातन परंपरा में मार्गशीर्ष या फिर कहें अगहन मास की पूर्णिमा पर गंगा स्नान या फिर किसी पवित्र जल तीर्थ के स्नान करने को बेहद शुभ और पुण्यदायी माना गया है. ऐसे में पुण्य की प्राप्ति और पाप से मुक्ति के लिए इस दिन गंगा स्नान करने का प्रयास करना चाहिए. यदि गंगा तट या किसी जल तीर्थ पर न जा सकें तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
भगवान विष्णु की पूजा का पुण्यफल
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा करने का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है क्योंकि यह पूरा महीना ही उनके लिए समर्पित है. यदि इस माह आपको किसी कारणवश श्री हरि की पूजा का सौभाग्य नहीं प्राप्त हो पाया है तो मार्गशीर्ष पूर्णिमा की पूजा करके आप पूरे माह की पूजा का पुण्यफल प्राप्त कर सकते हैं.
हर कामना को पूरा करेगा विष्णु सहस्त्रनाम
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर श्री हरि को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति को इस दिन विधि-विधान से व्रत रखते हुए उनकी विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए. अगहन पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए साधक को सभी कामनाओं को पूरा करने वाला विष्णु सहस्त्रनाम (Vishnu Sahasranamam) का पाठ करना चाहिए.
मन और मनोकामना से जुड़े हैं चंद्रदेव
हिंदू मान्यता के अनुसान मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मन के कारक माने जाने वाले चंद्र देवता का विशेष रूप से दर्शन और पूजन करना चाहिए. मान्यता है कि पूर्णिमा पर चंद्र देवता की पूजा करने से व्यक्ति का मन संतुलित और शांत रहता है.
चंद्र देवता को लगाएं खीर का भोग
पूर्णिमा के दिन चंद्र देवता की कृपा पाने के लिए व्यक्ति को चंद्रोदय के समय एक पात्र में जल, पुष्प और थोड़ा दूध लेकर विशेष अर्घ्य देना चाहिए. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर चंद्र देवता की कृपा पाने के लिए उन्हें विशेष रूप से खीर का भोग लगाना चाहिए.
मां लक्ष्मी की पूजा का महाउपाय
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर श्री हरि के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी विशेष फलदायी मानी गई है. यदि आप धन की देवी की कृपा पाना चाहते हैं तो मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी को कमल का पुष्प, पीली कौड़ी, कमलगट्टा और गोमती चक्र अर्पित करने के बाद शुद्ध घी का दीया जलाकर श्री सूक्त का पाठ करें.
मंत्र से पूरी होगी हर मनोकामना
मार्गशीर्ष या फिर कहें अगहन पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा में उनके मंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ अथवा ‘ॐ नमो नारायण’ विशेष रूप से मंत्र जप करना चाहिए. मान्यता है कि तुलसी या चंदन की माला से इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जप करने वाले साधक पर श्री हरि की पूरी कृपा बरसती है.Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. जगन्नाथ डॉट कॉम इसकी पुष्टि नहीं करता है.)





