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धान खरीदी से पहले सीमावर्ती क्षेत्र में चौकसी तेज, महासमुंद में 16 जांच चौकियों से होगी निगरानी

धान के अवैध परिवहन एवं संग्रहण पर नियंत्रण रखने हेतु उड़नदस्ता दल गठित

महासमुंद। धानखरीदी से पहले छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से धान का परिवहन रोकने सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का उपार्जन नीति निर्देशों के पालन में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के दौरान जिले में धान की अवैध धान परिवहन को रोकने जिला प्रशासन द्वारा निगरानी व्यवस्था शुरू कर दी है।

कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार जिले की सीमाओं पर कुल 16 जांच चौकियों की स्थापना की जा रही है। ये जांच चौकियां 1 नवम्बर 2025 से धान उपार्जन अवधि समाप्त होने तक सक्रिय रहेंगी। जांच चौकियों के प्रभारी अधिकारी संबंधित तहसील के तहसीलदार होंगे। इन जांच चौकियों में राजस्व, कृषि उपज मंडी समिति, वन विभाग एवं जिला सेनानी के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

संबंधित चौकियों पर पदस्थ कर्मचारी शासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप सीमावर्ती राज्यों से आने वाले धान परिवहन वाहनों की सघन जांच और निगरानी करेंगे। साथ ही कलेक्टर श्री लंगेह द्वारा धान के अवैध परिवहन एवं संग्रहण पर नियंत्रण रखने के लिए उड़नदस्ता दल का गठन किया गया है। उड़नदस्ता दल में सबंधित तहसील के उप वन मंडलाधिकारी, खाद्य निरीक्षक, सहकारिता निरीक्षक, मंड़ी सचिव व परिवहन निरीक्षक शामिल होंगे। जो संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के मार्गदर्शन में कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।

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सरायपाली एवं बागबाहरा में 5-5, जबकि बसना एवं पिथौरा में 3-3 अंतर्राज्यीय जांच चौकियां स्थापित की जाएगी। इन चौकियों पर संबंधित क्षेत्रों के धान खरीदी केन्द्रों की सतत निगरानी एवं जांच की व्यवस्था की गई है। जिसमें सरायपाली तहसील अंतर्गत बंजारी जांच चौकी पर चिवराकुंट धान खरीदी केन्द्र की निगरानी की जाएगी। इसी प्रकार पालीडीह/सिरपुर जांच चौकी पर सिरबोड़ा, बलौदा व सेमलिया, पझरापाली जांच चौकी पर तोषगांव, जंगलबेड़ा जांच चौकी पर जंगलबेड़ा, तथा छिबर्रा घाट चौकी पर भोथलडीह धान खरीदी केन्द्र की निगरानी होगी। बसना क्षेत्र में पलसापाली जांच चौकी पर अंकोरी, केरामुड़ा/कुदारी बाहरा चौकी पर कुरचुंडी तथा साल्हेझरिया चौकी पर गढ़फुलझर धान खरीदी केन्द्र की निगरानी की जाएगी। पिथौरा क्षेत्र में कटंगतराई जांच चौकी पर सल्डीह, छोटेलोरम/लारीपुर चौकी पर जेराभरन एवं परसवानी, तथा चरोदा चौकी पर बेल्डीह, बुंदेली एवं सुखीपाली धान खरीदी केन्द्रों की जांच होगी। वहीं बागबाहरा क्षेत्र अंतर्गत टेमरी जांच चौकी पर पटपरपाली, नर्रा जांच चौकी पर कोमाखान एवं नर्रा, खेमड़ा जांच चौकी पर खेमड़ा, देवरी एवं बागघामुड़ा, खट्टी जांच चौकी पर कछारडी एवं कसेकेरा, तथा रेवा जांच चौकी पर मुनगाशेर धान खरीदी केन्द्र की सतर्क निगरानी की जाएगी।

खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के दौरान ओडिशा एवं अन्य राज्यों से धान लाकर छत्तीसगढ़ के उपार्जन केन्द्रों में विक्रय किए जाने की संभावना को देखते हुए शासन ने विशेष सतर्कता के निर्देश दिए हैं। शासन के निर्देशानुसार 30 अप्रैल 2026 तक अन्य राज्यों से धान का आयात केवल संचालक, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की अनुमति से ही किया जा सकेगा। सुपर फाइन किस्म का धान जिसकी लागत 3300 प्रति क्विंटल से अधिक हो के आयात के लिए संचालक की अनुमति आवश्यक नहीं होगी, लेकिन संबंधित आयातक को इसकी सूचना जिला खाद्य अधिकारी/खाद्य नियंत्रक को देना अनिवार्य होगा। कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी चौकी पर धान के अवैध परिवहन या विक्रय की गतिविधि पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी मंडी अधिनियम के अंतर्गत वाहन एवं धान जप्त कर प्रकरण दर्ज करेंगे। कलेक्टर ने सभी जांच चौकियों को सतत् सक्रिय रहकर सीमावर्ती क्षेत्रों में धान की अवैध आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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