सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई बीआर गवई की ओर उछाले गए जूते के मामले में राकेश किशोर ने कहा है कि यदि वह (सीजेआई) भगवान विष्णु की प्रतिमा से माफी मांगते हैं तो वह उनके दोनों जूते उतारकर अपने सिर पर रखने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही मैं भी सीजेआई से माफी मांग लूंगा। पिछले दिनों भगवान विष्णु की प्रतिमा को लेकर सीजेआई गवई द्वारा की गई टिप्पणी के चलते वकील राकेश किशोर ने भरी सुप्रीम कोर्ट में उनकी तरफ जूता फेंक दिया था, जिससे देशभर में हंगामा मच गया। वह सीजेआई द्वारा भगवान विष्णु की प्रतिमा को लेकर की गई टिप्पणी से नाराज थे।
उन्होंने कहा कि कोई शक्ति रात में आकर मुझे कहती थी कि तुम चैन की नींद सो रहे हो। उन्होंने कहा, ” मैं बहुत आभारी हूं उस शक्ति का, जिसने 100 करोड़ सनातनियों में से मुझे चुना। यह कलियुग है, भगवान विष्णु खुद नहीं आते, बल्कि माध्यम बनाते हैं। पता नहीं मेरे में क्या बात है, जो उन्होंने मुझे चुना। हाई कोर्ट ,सुप्रीम कोर्ट में जब सनातन धर्म से जुड़ा केस आता है तो वे टिप्पणी करने के लिए फ्री हो जाते हैं।”
‘ ने कहा कि मैं सबसे पहले सनातनी हूं और उसके बाद मैं दलित हूं। आप मुझे सनातनी कहकर बुलाएंगे तो मेरा सौभाग्य होगा। हम 100 करोड़ सनातनी इस देश में रह रहे हैं, हम सब दलित हैं, जिसका मायने होता है, जिसे पैरों तले रौंदा जाए, दला जाए उसे दलित कहते हैं। हजारों सालों में मुगल, अंग्रेजों, पुर्तगाली आदि ने रौंदा। दिल्ली पुलिस ने मुझे बचाकर रखा है, वरना इतनी भीड़ आ गई थी कि मेरा काम-तमाम हो गया था।
उन्होंने आगे कहा, ”भगत सिंह ने असेंबली में बम फेंका था, जिसमें किसी को चोट नहीं पहुंची थी। बस धमाका हुआ और अंग्रेजों व हिंदुओं ने उनकी आवाज सुनी। मेरे पास अपनी बात सुनाने का कोई तरीका नहीं था। जो गवई साहब ने कहा, वह ऑर्डर में नहीं लिखा, बस सबके सामने कहा। अगर लिखा होता तो पिटिशन डालता। मैंने सोचा कि अगर चिट्ठी लिखता हूं तो रजिस्ट्रार ही फाड़कर फेंक देता। अखबार में लिखता तो वह भी शायद नहीं छापते, इसलिए मुझे अपनी आवाज सुनाने का यह आदेश भगवान विष्णु से मिला था। पता नहीं वह कौन सी शक्ति मुझे चलाकर ले गई और फिर जो हुआ, वो हुआ। यह सही था या गलत, मुझे नहीं मालूम।
राकेश किशोर ने आगे कहा कि मैं घर से झूठ बोलकर गया था और पत्नी को बताया था कि बार एसोसिएशन की फीस जमा करके आ जाऊं। बाद में मैंने पत्नी से माफी भी मांगी। यदि सीजेआई उनके सामने आते हैं तो वह क्या करेंगे, इस पर राकेश किशोर ने कहा कि मैं उनके हाथ जोड़ूंगा और कहूंगा कि जिन प्रभु की आपने निंदा की है, मेरे साथ चलिए, मैं भगवान विष्णु की प्रतिमा के पास जाऊंगा, आप उनसे माफी मांग लीजिए और उसी समय मैं आपके दो जूते उतारकर अपने सिर पर रख लूंगा। आपसे माफी मांग लूंगा।





