मथुरा: मथुरा जिले में हाल ही में सामने आए फूड प्वाइजनिंग के मामले ने स्वास्थ्य अधिकारियों को चौकन्ना कर दिया है. यहां एक आटा लोगों की जान का दुश्मन बन गया. वो भी पांच या दस लोगों की जान का नहीं, बल्कि 140 लोगों का. त्योहारी सीजन के दौरान ऐसा होने से सरकारी अधिकारी भी चौकन्ने हो गए. और तो और डीएम साहब भी दौड़ते हुए चले आए. डीएम शैलेंद्र सिंह ने मरीजों का हाल जाना और हालात का गहराई से जायजा लिया. साथ ही उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि इस आटे को सीज किया आए और जांच के लिए भेजा जाए. साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं.
फूड प्वाइजनिंग से 140 लोग अस्पताल में भर्ती
डीएम शैलेंद्र सिंह ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग के इस गंभीर मामले में अब तक 140 लोगों के बीमार होने की जानकारी सामने आई है. इस घटना के बाद मथुरा जिला अस्पताल, वृंदावन सौ शैय्या अस्पताल और अन्य निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज चल रहा है. डीएम ने यह भी पुष्टि की कि निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों का इलाज राज्य सरकार की ओर से फ्री कराया जाएगा.
किस आटे का है पूरा मामला
डीएम ने विशेष रूप से कूटू के आटे को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने फरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के दौरान कूटू के आटे के स्रोत और उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए. डीएम ने बताया कि राजस्व और खाद्य विभाग की एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जो कूटू के आटे के सोर्स की जांच करेगी और उसकी सेंपलिंग करेगी. यह टीम यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और कूटू के आटे की गुणवत्ता पर नजर रखी जाएगी.
भविष्य में कैसे होगी निगरानी?
डीएम शैलेंद्र सिंह ने इस घटना से निपटने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने की बात कही है. उनका कहना है कि लोगों को खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं की पुनरावृत्ति न हो. साथ ही, कूटू के आटे की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए कड़े मानक निर्धारित किए जाएंगे.
क्या बोले डीएम शैलेंद्र सिंह?
डीएम शैलेंद्र सिंह ने कहा, “हमने इस गंभीर मामले को लेकर तुरंत कार्रवाई की है. स्वास्थ्य विभाग की टीम कूटू के आटे की जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हमारे प्रयास होंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और लोगों को सुरक्षित भोजन मिल सके. हम सभी अस्पतालों में मरीजों का इलाज सुनिश्चित कर रहे हैं और राज्य सरकार की ओर से उनका इलाज मुफ्त होगा.”