क्या आप ऐसी मेट्रो में सफर करना पसंद करेंगे, जिसमें डिजिटल टिकटिंग का ठेका उस कंपनी को मिला हो जिसके बनाए हुए ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए किया हो? जी हां! यह खबर सच है।
भोपाल-इंदौर मेट्रो में डिजिटल टिकटिंग का ठेका जिस कंपनी को मिला है, वह कंपनी तुर्की की है। तुर्की की इसी कंपनी की पेरेंट कंपनी ने पाकिस्तान को ड्रोन सप्लाई किए थे, जिनसे पाकिस्तान ने भारत पर हमले किए। उधर, इस मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि यदि ऐसा है तो हम तत्काल ठेका निरस्त करेंगे।
खबर है कि तुर्की की असिस नाम की एक कंपनी है। इस कंपनी को मध्यप्रदेश में भोपाल और इंदौर मेट्रो में डिजिटल सिस्टम स्थापित करने का ठेका मिला हुआ है। कंपनी के पास भोपाल-इंदौर के साथ-साथ आगरा मेट्रो का भी काम है।
यह कंपनी इन मेट्रो में डिजिटल टिकटिंग का काम कर रही है। इस कंपनी की पेरेंट कंपनी है -असिस गार्ड। यह कंपनी हथियार बनाने और उसके सप्लाई का काम करती है। इस तुर्किये की कंपनी ने पाकिस्तान को सोनार ड्रोन की सप्लाई किए थे। 8-9 मई की रात को पाकिस्तान ने इन्हीं ड्रोन से भारतीय सीमाओं के भीतर हमला किया था। खुद सेना ने इसकी जानकारी अपनी प्रेस कांफ्रेंस में दी थी।
डिजिटल टिकटिंग सर्विसेज के रूप में यह कंपनी मेट्रो में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए मेट्रो कार्ड से लेकर उनके टिकट काटने के सिस्टम को स्थापित करेगी। कंपनी के पास मेट्रो में घुसने और बाहर निकलने वाले सभी दरवाजों का कंट्रोल होगा। साथ ही नागरिक डेटा, यात्रा पैटर्न, भुगतान सिस्टम, और तकनीकी नियंत्रण की चाबी एक ऐसी विदेशी कंपनी के हाथ में होगी, जो दुश्मन देश के सैन्य हितों से जुड़ी है।
उठे सवाल : स्वदेशी कंपनियों को छोड़कर विदेशी कंपनी को ठेका क्यों?
जानकारों के मुताबिक, कई स्वदेशी कंपनियां इस तरह का सिस्टम दिल्ली के साथ-साथ कई दूसरे स्थानों पर लगा चुकी हैं। इन कंपनियों के पास इस तरह की तकनीक है, ऐसे में फिर क्यों विदेशी कंपनी को इस तरह का काम क्यों दिया गया? यह सवाल सभी पूछ रहे हैं।
इनका कहना है –
मैं इस मामले को दिखवाता हूं। यदि तुर्की की कंपनी को भोपाल-इंदौर मेट्रो के लिए डिजिटल टिकटिंग का ठेका मिला है, तो हम तत्काल ठेका निरस्त करेंगे। – कैलाश विजयवर्गीय, नगरीय प्रशासन मंत्री, मप्र