भोपाल:मध्य प्रदेश में इस बार मानसून की धमाकेदार एंट्री होने जा रही है. भारतीय मौसम विभाग ने केरल में इस बार मॉनसून के 27 मई तक पहुंचने की उम्मीद जताई है. वहीं यदि ऐसा हुआ तो मध्य प्रदेश में मॉनूसन की एंट्री 12 से 15 जून तक हो जाएगी. अनुमान है कि मॉनसून 17 जून तक राजधानी भोपाल को तरबतर कर देगा. साल 2024 में मध्य प्रदेश में मॉनूसन 21 जून को पहुंचा था, जबकि राजधानी भोपाल में इसकी एंट्री 23 जून को हुई थी. मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, उससे उम्मीद है कि मध्यप्रदेश में पूर्वी हिस्से से मॉनूसन आ सकता है.
पिछले सालों के मुकाबले जल्द आएगा मानूसन
आमतौर पर मॉनसून की शुरूआत केरल से होती है. इसके बाद यह आगे बढ़ते हुए 8 जुलाई तक पूरे देश के हिस्सों तक पहुंच जाता है. हर साल मॉनसून निर्धारित समय से पहले या कुछ दिन बाद पहुंचता रहा है. साल 2024 में 30 मई को मॉनसून ने केरल में दस्तक दी थी, लेकिन इस साल 3 से 4 दिन पहले यानि 27 मई तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. इसी आधार पर मध्य प्रदेश मॉनूसन पहुंचेगा. मध्य प्रदेश में पूर्वी जिले सीधी, सतना, टीकमगढ़, छतरपुर, सिंगरौली में मानसून सबसे पहले पहुंचेगा.
पिछले 5 सालों में मानसून ने कब ली एंट्री
साल | एमपी में कब पहुंचा मानसून |
2024 | 21 जून को मध्य प्रदेश में मॉनसून की एंट्री हुई थी और 23 जून को मॉनसून भोपाल पहुंचा था. |
2023 | 23 जून को मध्यप्र देश मॉनसून पहुंचा और 25 जून को भोपाल में एंट्री हुई. |
2022 | 26 जून को मॉनसून मध्य प्रदेश पहुंचा और 24 जून को यह भोपाल पहुंचा. |
2021 | 9 जुलाई को मॉनसून एमपी पहुंचा था और 11 जुलाई को भोपाल पहुंचा |
2020 | 15 जून को मॉनसून की एमपी में एंट्री हुई और भोपाल में 16 जून को दाखिल हुआ.
हालांकि, कई लोग सोचते हैं कि मानसून जल्दी आने से बारिश क्या कम या ज्यादा होगी?. इसका जवाब वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ए.के. शुक्ला ने दिया है. उन्होंने बताया, “साल 2025 में मॉनसून की स्थिति बेहतर दिखाई दे रही है. उम्मीद है कि मॉनसून आने के बाद लगातार बारिश का सिलसिला चलता रहेगा. बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बनने की उम्मीद है और इसकी वजह से मध्य प्रदेश में मॉनसून की एंट्री पूर्वी इलाकों से होगी. मॉनसून निर्धारित समय से पहले आ सकता है, लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल न लगाएं कि इससे बारिश कम या फिर ज्यादा होगी. बारिश कम या ज्यादा होने के पीछे कई कारण काम करते हैं. साल 2024 में मानसून थोड़ा लेट हुआ था, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश में 533.7 मिली मीटर ज्यादा बारिश हुई थी. जबकि 2023 में मानूसन 23 जून को पहुंचा और बारिश सामान्य से कम रिकॉर्ड की गई थी.” |