जगदलपुर (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। पहले चरण के मतदान के लिए बस्तर पूरी तरह से तैयार है। यहां 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है। इस सीट से कांग्रेस और भाजपा सहित कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। बस्तर सीट नक्सल प्रभावित क्षेत्र में होने की वजह से चुनाव के दौरान काफी घटनाएं होती है। माओवादी चुनाव का बहिष्कार भी करते हैं। इस लिहाज से बस्तर में सुरक्षित तरीके से चुनाव सम्पन्न कराने के लिए पुलिस समेत केंद्रीय रिजर्व फोर्सेस के लगभग 1 लाख से अधिक जवानों को इस क्षेत्र में तैनात किया गया है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. के मुताबिक, 19 अप्रैल को बस्तर और 26 अप्रैल को कांकेर में सुरक्षित व व्यवस्थित चुनाव सम्पन्न कराने डीआरजी, एसटीएफ, बस्तर फाइटर्स, कोबरा और केंद्रीय अर्धसैनिक बल, सीआईएसएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी बल पहले से तैनात हैं। उन्होंने बताया,- केंद्रीय चुनाव आयोग ने अलग से अतिरिक्त पुलिस फोर्स को बस्तर में तैनात किया है। इन सभी सुरक्षाबलों द्वारा बस्तर में लगातार सर्चिंग अभियान जारी है। सीमावर्ती राज्य और सीमावर्ती जिला में लगातार नाकाबंदी करके चेकिंग की जा रही है। इसके अलावा चुनाव संबंधी सभी कार्य प्राथमिकता से पुलिस द्वारा किए जा रहे हैं। आईजी सुंदरराज पी. ने कहा,- वर्तमान में काफी बड़ी संख्या में पहले से ही बस्तर में जवान तैनात हैं। चुनाव आयोग की ओर से भी अतिरिक्त फोर्स भेजी गई है। सुरक्षागत कारणों से संख्या बता पाना मुश्किल है। बस्तर में इतनी बड़ी संख्या में जवान तैनात हैं कि सुरक्षित तरीके से चुनाव की प्रकिया को सम्पन्न किया जा सकता है। सीमावर्ती राज्य उड़ीसा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश की पुलिस से भी सुरक्षा संबंधी कॉर्डिनेशन किया गया है। इस दौरान सीमावर्ती राज्यों की पुलिस फोर्स सीमावर्ती इलाकों में डटकर तैनात रहेंगी। ताकि सुरक्षित तरीके से चुनाव हो सके।
दंतेवाड़ा में भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजऱ सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए जिले के सरहदी इलाकों में चुनाव संबंधी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। जिले में अन्य राज्यों से और कांकेर जिले से 25 सीआरपीएफ की कंपनियां पहुंची है। इसके अलावा जिले में पहले से तैनात सीआरपीएफ की 20 कंपनियों को चुनाव कार्य के लिए दंतेवाड़ा पुलिस को सौंपा गया है। जिले में तैनात सीएएफ की 23 कंपनियों को भी जिले के मतदान केन्द्रों और आरओपी ड्यूटी के लिए तैनात किया जाएगा। साथ ही जिले की डीआरजी और बस्तर फाइटर्स को भी तैनात किया गया है। नक्सलियों द्वारा किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने हेतु 3 लेयर सुरक्षा प्लान तैयार किया गया है। संवंदनशील जगहों की ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है। चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा की आशंका के मद्देनजर जिले के अंदरूनी इलाकों में लगातार गश्त और सर्चिंग जारी है। जिले में कुल लगभग 8000 की संख्या में पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराया जा सके।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग नक्सल प्रभावित अति संवेदनशील क्षेत्र है। यहां आए दिन नक्सली सुरक्षाबलों को निशाना बनाने छोटी-बड़ी घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं। इसी बस्तर संभाग में लोकसभा की 2 सीटें आती है। बस्तर लोकसभा क्षेत्र पर पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को कांकेर लोकसभा क्षेत्र में मतदान कराए जाएंगे। ऐसे में नक्सली हमेशा की तरह चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ही केंद्रीय चुनाव आयोग ने अतिरिक्त पुलिस फोर्स को बस्तर में तैनात किया है।
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