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अमेरिका से सबक ले भारत… पाकिस्‍तान संग सिंधु जल समझौते को केवल सस्‍पेंड करने पर भड़के एक्‍सपर्ट, दे दी नसीहत

इस्‍लामाबाद/ नई दिल्‍ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है। यह समझौता भारत और पाकिस्‍तान के बीच कई युद्ध होने के बाद भी बना हुआ था। भारत के इस कदम को कई एक्‍सपर्ट पहले वाटर युद्ध की शुरुआत बता रहे हैं। इस बीच भारतीय एक्‍सपर्ट ने मोदी सरकार को अमेरिका से सीख लेने के लिए कहा है। सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने कहा कि सिंधु जल समझौता भारत के लिए एक गलती की तरह से है। इस समझौते से पाकिस्‍तान को 6 नदियों का ज्‍यादातर पानी मिल गया। उन्‍होंने बताया कि साल 2016 में पीएम मोदी ने उरी आतंकी हमले के बाद कहा था कि ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते हैं।’ मोदी सरकार को यह सिंधु जल समझौता सस्‍पेंड करने का फैसला लेने में 8 साल लग गया।ब्रह्मा चेलानी ने कहा कि मोदी सरकार को यह फैसला लेने में धीमी रही। अब एक और बड़ा आतंकवादी हमला होने के 8 साल बाद आपको सिंधु जल समझौते को निलंबित होने के लिए बाध्‍य होना पड़ा है। चेलानी ने कहा कि भारत के इस रवैये की तुलना अमेरिका से की जानी चाहिए। अमेरिका एकतरफा तरीके से रूस के साथ दो समझौतों इंटरमीडिएट रेंज न्‍यूक्लियर फोर्सेस (INF) और एंटी बलिस्टिक मिसाइल समझौते से अचानक ही बाहर हो गया। इस बीच सिंधु जल संधि को निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कम करने के भारत के कदम पर उचित प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए पाकिस्तान बृहस्पतिवार को एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक कर रहा है।

पाकिस्‍तान ने बुलाई राष्‍ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक

पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहलगाम की घटना के बाद भारत के कदमों को ‘‘गैरजिम्मेदाराना कार्रवाई’’ कहा और इस पर विस्तार से चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई है। ‘रेडियो पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख और महत्वपूर्ण मंत्री शामिल होंगे। भारत ने मंगलवार को पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद सीमापार संबंधों के मद्देनजर बुधवार को 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने की घोषणा की जिसमें उसके सैन्य अताशे को निष्कासित करना भी शामिल है।।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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