उत्तर प्रदेश के संभल में ईद की नमाज को लेकर रविवार शाम को दो पक्षों के बीच जबरदस्त विवाद देखने को मिला, जिसके बाद मामला कोतवाली तक पहुंच गया. दोनों पक्ष ईदगाह में ईद की नमाज पढ़ाने को लेकर अड़े हुए थे, जिसके बाद कोतवाली में एसडीएम वंदना मिश्रा, सीओ अनुज चौधरी और इंस्पेक्टर अनुज तोमर की मौजूदगी में बैठक हुई. करीब दो घंटे तक दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे लेकिन अंत में जाकर मुफ़्ती ए आजम संभल कारी अलाउद्दीन साहब के नाम पर सहमति बन गई.
दरअसल ईदगाह इमाम और कारी दोनों पक्षों के बीच ईद की नमाज कराने के लिए विवाद हो गया था. दोनों ही पक्ष ईद की नमाज पढ़ाने पर अड़े थे. दोनों के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी, जिसके बाद इस विवाद के चलते कोतवाली में मीटिंग की गई. पुलिस प्रशासन ने क़रीब दो घंटें तक दोनो पक्षों को समझाने की कोशिश की, जिसके बाद मामला शांत हो पाया और इस बात पर सहमति बनी की इस साल ईद की नमाज मुफ़्ती ए आजम संभल कारी अलाउद्दीन साहब ही कराएंगे.
ईद की नमाज को लेकर हुआ विवाद
संभल कारी अलाउद्दीन साहब के नाम पर अंत में जाकर दोनों पक्षों में सहमति बन गई. इस मामले पर मौलाना कामिल मिस्बाही ने कहा कि सोमवार को सुबह नौ बजे कारी अशरफ साहब ईद की नमाज़ पढ़ाएंगे. उनके नाम पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है. पहले एक पक्ष की ओर से इस पर आपत्ति जताई जा रही थी लेकिन बाद में विवाद को हल कर लिया गया.
उन्होंने बताया कि इस पूरे विवाद की शुरुआत दो-तीन महीने पहले ईदगाह के पूर्व इमाम कारी सुलेमान अशरफ़ के निधन के बाद हुई थी. उनकी मौत के बाद उनके बेटे कारी गाजी अशरफ को इमाम नियुक्त किया गया था लेकिन एक वर्ग इसका इसका विरोध कर रहे थे. उन्होंने उनके बेटे को इमाम मानने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद इस मामले में दो पक्ष आमने-सामने आ गए थे.
अभी दोनों पक्ष ईद की नमाज के लिए तो तैयार हो गए हैं लेकिन अंतिम फैसला ईद के दस दिन बाद किया जाएगा. इस विवाद के निपटारे के लिए एक और बैठक की जाएगी, जिसमें वोटिंग के आधार पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. इधर दो पक्षों में विवाद के चलते संभल पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. पूरे इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. ताकि ईद की नमाज को शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न कराया जा सके.