दुबई को “सोने का शहर” कहा जाता है। यह शहर भारतीयों के लिए सोना खरीदने का एक पसंदीदा गंतव्य रहा है। वहां की बेहतरीन क्वालिटी और भारत की तुलना में कम कीमतें लोगों को आकर्षित करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुबई से भारत सोना लाने की एक कानूनी सीमा है? भारतीय कस्टम्स विभाग और सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने इसके लिए सख्त नियम बनाए हैं, ताकि सोने की तस्करी को रोका जा सके और देश की आर्थिक स्थिति को संतुलित रखा जा सके।हाल ही में रान्या राव का मामला सुर्खियों में आया, जो सोने की तस्करी से जुड़ा एक हाई-प्रोफाइल मामला है। रान्या राव एक कन्नड़ और तमिल फिल्म अभिनेत्री हैं, जिन्हें 3 मार्च 2025 को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि वे दुबई से 14.2 से 14.8 किलोग्राम सोना तस्करी करके भारत लाई थीं। इस सोने की कीमत लगभग 12.56 करोड़ रुपये बताई जा रही है। रान्या राव को राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने हिरासत में लिया, जब वे दुबई से बेंगलुरु लौट रही थीं। जांच में पता चला कि उन्होंने सोने की छड़ों को अपने शरीर पर बेल्ट और विशेष रूप से डिजाइन की गई जैकेट में छिपाया था। DRI के अनुसार, रान्या ने पिछले एक साल में 30 बार दुबई की यात्रा की थी और हर बार 12-13 किलोग्राम सोना लाकर लगभग 12-13 लाख रुपये प्रति ट्रिप कमाए। यह भी खुलासा हुआ कि वे एक संगठित तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हो सकती हैं। इसी तरह के और भी कई मामले सामने आ चुके हैं। इसलिए आइए जानते हैं कि पुरुष, महिलाएं और बच्चे कितना सोना दुबई से भारत ला सकते हैं और इसके पीछे के नियम क्या हैं।
पुरुषों के लिए सोने की सीमा
भारतीय नियमों के अनुसार, कोई भी पुरुष यात्री जो दुबई से भारत आ रहा है, वह अधिकतम 20 ग्राम सोना बिना किसी कस्टम ड्यूटी के ला सकता है। लेकिन इसके लिए दो शर्तें हैं: पहला, सोने का मूल्य 50,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए, और दूसरा, यह केवल सोने के आभूषणों (ज्वेलरी) के रूप में होना चाहिए। सोने के सिक्के या बार इस छूट में शामिल नहीं हैं। अगर कोई पुरुष इससे अधिक सोना लाता है, तो उसे अतिरिक्त मात्रा पर कस्टम ड्यूटी चुकानी होगी। वर्तमान में, कस्टम ड्यूटी की दर 6% है, जिसमें 1.25% सोशल वेलफेयर सरचार्ज भी जोड़ा जाता है। यदि आपने दुबई में 6 महीने से अधिक समय बिताया है, तो आप 1 किलोग्राम तक सोना ला सकते हैं, लेकिन इस पर भी ड्यूटी देनी होगी।
महिलाओं के लिए सोने की सीमा
महिलाओं के लिए नियम थोड़े उदार हैं। एक महिला यात्री दुबई से 40 ग्राम सोना बिना कस्टम ड्यूटी के ला सकती है, बशर्ते इसका मूल्य 1 लाख रुपये से अधिक न हो। यह सीमा भी केवल सोने के आभूषणों पर लागू होती है। अगर कोई महिला इससे अधिक सोना लाती है, तो उसे अतिरिक्त सोने पर कस्टम ड्यूटी देनी होगी। उदाहरण के लिए, अगर कोई महिला 100 ग्राम सोना लाती है, तो 40 ग्राम तक तो कोई ड्यूटी नहीं लगेगी, लेकिन बाकी 60 ग्राम पर ड्यूटी लागू होगी।
ड्यूटी की दरें इस प्रकार हैं:
40-100 ग्राम: 3%
100-200 ग्राम: 6%
200 ग्राम से अधिक: 10%
बच्चों के लिए सोने की सीमा
बच्चों के लिए भी नियम हैं, खासकर 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए। यदि कोई बच्चा दुबई में एक साल से अधिक समय तक रहा है, तो वह 40 ग्राम तक सोने के आभूषण बिना ड्यूटी के ला सकता है। यह छूट उपहार या व्यक्तिगत उपयोग के लिए दी जाती है। हालांकि, बच्चे के साथ आने वाले अभिभावक को बच्चे की पहचान और रिश्ते का सबूत देना होगा। अगर सोने की मात्रा 40 ग्राम से अधिक है, तो अतिरिक्त सोने पर ड्यूटी देनी होगी, जैसा कि महिलाओं के मामले में लागू होता है।
1 किलोग्राम तक सोना लाने का विशेष नियम
अगर आप भारतीय पासपोर्ट धारक हैं और दुबई में 6 महीने से अधिक समय तक रहे हैं, तो आप अपने सामान में 1 किलोग्राम तक सोने के सिक्के या बार ला सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको करीब 14 फीसदी कस्टम ड्यूटी देनी होगी। अगर आपने 6 महीने से कम समय बिताया है, तो 1 किलोग्राम तक सोने पर करीब 37% की ड्यूटी लगेगी। वहीं, यूएई दूतावास के अनुसार, किसी भी यात्री के लिए 10 किलोग्राम से अधिक सोना लाना प्रतिबंधित है, चाहे वह आभूषण ही क्यों न हो।
भारत ने कड़े किए नियम, सख्ती बढ़ाई
2025 की शुरुआत में, भारत सरकार ने सोने के आयात पर नजर रखने के लिए कस्टम नियमों को और सख्त करने की बात कही है। हाल ही में, सोने की कीमतों में वैश्विक उछाल और भारत में त्योहारी सीजन की मांग को देखते हुए, सरकार ने तस्करी रोकने के लिए हवाई अड्डों पर निगरानी बढ़ा दी है। मार्च 2025 में, कई खबरें आईं कि दुबई से भारत आने वाले यात्रियों के पास से अतिरिक्त सोना जब्त किया गया, जिससे यह साफ होता है कि नियमों का पालन करना कितना जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये नियम न केवल आर्थिक संतुलन के लिए हैं, बल्कि अवैध व्यापार को रोकने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
क्या ध्यान रखें?
दस्तावेज जरूरी: सोने की खरीद का बिल और शुद्धता प्रमाण-पत्र साथ रखें।
घोषणा अनिवार्य: अगर सोना तय सीमा से अधिक है, तो हवाई अड्डे पर रेड चैनल में घोषणा करें।
सुरक्षा: सोने को हैंड बैग में रखें ताकि चोरी या नुकसान से बचा जा सके।
प्रतिबंधित रूप: सिक्के, बार या बिस्किट के रूप में सोना बिना ड्यूटी के नहीं लाया जा सकता।
दुबई में सोना भारत के मुकाबले कितना सस्ता है और क्यों है?
दुबई में सोना भारत की तुलना में सस्ता होने के पीछे कई कारण हैं, और यह अंतर विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है जैसे कर, आयात शुल्क, और बाजार की संरचना। 7 मार्च 2025 तक की स्थिति के आधार पर, आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
कीमत में अंतर
हाल के आंकड़ों के अनुसार, दुबई में सोने की कीमत भारत की तुलना में औसतन 5-10% सस्ती हो सकती है। उदाहरण के लिए:
24 कैरेट सोने की कीमत (प्रति 10 ग्राम):
दुबई: लगभग 75,000 रुपये से 78,000 रुपये (AED 330-340 प्रति ग्राम, 1 AED = 22.98 INR के हिसाब से)।
भारत: लगभग 80,000 रुपये से 87,000 रुपये (स्थानीय कर और शुल्क सहित)।
इसका मतलब है कि प्रति 10 ग्राम पर 5,000 से 9,000 रुपये तक की बचत हो सकती है, जो खरीद की मात्रा के आधार पर बढ़ सकती है।
हालांकि, यह अंतर रोजाना बदलता है क्योंकि सोने की कीमत वैश्विक बाजार, मुद्रा विनिमय दर (INR बनाम AED), और स्थानीय मांग पर निर्भर करती है।
दुबई में सोना सस्ता क्यों है?
कर-मुक्त नीति:
दुबई में सोने की खरीद पर कोई वैट (VAT) या आयात शुल्क नहीं लगता अगर आप पर्यटक हैं। हालांकि, 2018 से यूएई में 5% वैट लागू है, लेकिन पर्यटकों को हवाई अड्डे पर यह राशि वापस मिल सकती है, जिससे प्रभावी लागत कम हो जाती है।
भारत में, सोने पर 6% आयात शुल्क (जुलाई 2024 में 15% से घटाया गया), 3% GST, और 5% मेकिंग चार्ज पर GST लगता है, जिससे कुल लागत बढ़ जाती है।
कम आयात लागत:
दुबई एक वैश्विक सोना व्यापार केंद्र है और इसे सीधे उत्पादक देशों से सोना मिलता है, जिससे मध्यस्थ लागत कम होती है।
भारत सोने का उत्पादन नहीं करता और इसे आयात करता है, जिससे लागत बढ़ती है। दुबई भारत के लिए भी सोने का एक बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
बाजार प्रतिस्पर्धा और मोलभाव:
दुबई का गोल्ड सूक एक खुला बाजार है जहां सैकड़ों दुकानें प्रतिस्पर्धा करती हैं। यहां मेकिंग चार्ज पर मोलभाव संभव है, जो भारत में आमतौर पर निश्चित होता है। भारत में ज्वैलर्स अक्सर ऊंचे मेकिंग चार्ज (10-20%) वसूलते हैं, जबकि दुबई में यह कम (2-5%) हो सकता है।
मुद्रा का प्रभाव:
यूएई दिरहम (AED) अमेरिकी डॉलर से जुड़ा है (1 USD = 3.67 AED), जो सोने की कीमत को स्थिर रखता है। भारतीय रुपये की कमजोरी (1 USD = 84 INR) भारत में सोने को महंगा बनाती है।
दुबई से सोना लाना एक आकर्षक विकल्प हो सकता है, लेकिन भारतीय कस्टम नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। पुरुषों के लिए 20 ग्राम, महिलाओं के लिए 40 ग्राम और बच्चों के लिए भी 40 ग्राम की सीमा को ध्यान में रखें। अगर आप नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो सोना जब्त होने के साथ-साथ जुर्माना या कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, अगली बार जब आप दुबई के मशहूर गोल्ड सूक से खरीदारी करें, तो इन नियमों को जरूर याद रखें और अपनी यात्रा को तनावमुक्त बनाएं।