नई दिल्ली:
शम्मी कपूर अपने समय के सुपरस्टार थे. उन्होंने कई हिट फिल्में दी, जिनमें जंगली, तुमसा नहीं देखा, दिल देके देखो, सिंगापुर, कॉलेज गर्ल, प्रोफेसर, चाइना टाउन, प्यार किया तो डरना क्या, कश्मीर की कली, जानवर, तीसरी मंज़िल, अंदाज़, एन ईवनिंग इन पेरिस, ब्रह्मचारी और सच्चाई जैसी हिट फ़िल्मों लंबी फेहरिस्त हैं. हालांकि अन्य सुपरस्टार की तरह उनके बेटों का जिक्र नहीं होता. इसलिए दर्शक उनके परिवार के बारे में कम ही जानते हैं. लेकिन आज हम बता रहे हैं उनके बेटे के बारे में, जो अपने पापा शम्मी की तरह सिनेमा में नहीं बल्कि बिजनेस में नाम कमा रहे हैं.शम्मी कपूर के बेटे का नाम आदित्य राज कपूर है. आदित्य का जन्म 1 जुलाई, 1956 को हुआ था. वह एक्टर, फिल्म निर्माता, लेखक और व्यवसायी हैं. वह शम्मी कपूर और गीता बाली के बेटे हैं. उन्होंने 1963-1969 तक लॉरेंस स्कूल, सनावर में पढ़ाई की. बाद में उन्होंने स्कूल छोड़ दिया. वह तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने 67 वर्ष की आयु में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री ली थी.कम ही लोगों को पता होगा कि स्कूली शिक्षा समाप्त करने के बाद आदित्य ने अंकल राज कपूर के साथ उनकी रोमांटिक फिल्म बॉबी (1973) में सहायक निर्देशक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने सहायक निर्देशक के रूप में धरम करम (1975), सत्यम शिवम सुंदरम (1978), गिरफ़्तार (1985), अजूबा (1990) जैसी फिल्मों का निर्देशन किया. उन्होंने फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम (1978) में वॉक-ऑन भूमिका भी निभाई.वहीं उन्होंने 1989 की फ़िल्म गवाही से निर्माता के तौर पर काम शुरू किया . इस फिल्म में जीनत अमान,तनुजा और शेखर कपूर लीड रोल में थे. इसके बाद उन्होंने टेलीविज़न शो का निर्माण किया, एक दो तीन चार (1987-1988) और मामा जी (1992-1993). बाद में फिल्मों को छोड़ उन्होंने कंस्ट्रक्शन कंपनी खोल ली और मुंबई में फैंटेसी लैंड और दिल्ली में अप्पू घर नाम का मनोरंजन पार्क विकसित किया. उनका ट्रक और वेयरहाउस का भी बिजनेस है.
बॉलीवुड से एक लंबे अंतराल के बाद आदित्य कपूर ने डोंट स्टॉप ड्रीमिंग और सांबर साल्सा (2007) से लेखन और निर्देशन में कदम रखा. बतौर अभिनेता उन्होंने जगमोहन मूंदड़ा की चेस (2010) में काम किया. इसी लाइफ में (2010), से यस टू लव (2012) और यमला पगला दीवाना 2 (2011) में भी काम किया. इसके अलावा वह आशुतोष गोवारिकर द्वारा निर्देशित टेलीविजन सीरीज एवरेस्ट में नजर आए.
उन्होंने 2015 में अपनी पहली किताब बाइक ऑन ए हाइक लिखी, जिसमें उन्होंने अपने बाइकिंग अनुभवों के बारे में बताया. उन्होंने क्वेस्ट नामक एक किताब भी लिखी है, जिसमें बाइक पर इन 35,000 किलोमीटर की यात्रा के उनके अनुभव के बारे में उन्होंने लिखा है.