कॉलोनी के संपूर्ण भार पर आधारित अधोसंरचना की प्राक्कलित राशि का न्यूनतम 25 प्रतिशत भुगतान आवेदन के साथ एकमुश्त देना होगा। शेष राशि का भुगतान किस्तों में कनेक्शन चालू होने के पश्चात मासिक देयकों के साथ योजना के प्रावधान अनुसार किया जा सकेगा। अस्थाई कनेक्शन से स्थाई कनेक्शन में परिवर्तित होने से गुणवतापूर्ण विद्युत प्रदाय होगा। साथ ही समान खपत होने पर विद्युत बिल की राशि में भी कमी होगी।उन्होंने बताया कि, अधोसंरचना का निर्माण विद्युत वितरण कंपनी के नियम एवं प्रचलित शेडूयल ऑफ रेट्स के अनुसार किया जावेगा, जिन आवेदकों/परिसरों के विरूद्ध कोई अन्य बकाया राशि/विद्युत चोरी के प्रकरण लंबित हैं वे प्रकरण निराकृत होने तक योजना अंतर्गत पात्र नहीं होंगे। न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में योजनांतर्गत लाभ दिए जाने से पहले आवेदक द्वारा प्रकरण न्यायालय से वापस लिया जाना अनिवार्य होगा।योजनावधि में प्राप्त होने वाले आवेदन ही योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे। योजना अवधि समाप्ति के अंतिम दिन तक प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण हर स्थिति में योजना समाप्ति दिनांक से 30 दिन के अंदर कर दिया जायेगा। नवीन कनेक्शन के लिये आवेदन एवं नियमानुसार निर्धारित राशि का पृथक से भुगतान करना होगा। भुगतान अधिकतम 02 वर्ष की अवधि में किया जा सकेगा।कुलमिलाकर, देखा जाए तो मध्यप्रदेश में घोषित एवं अघोषित अवैध कॉलोनियों को स्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदान करवाने के लिए सुगम विद्युत (सुविधा) योजना लागू की गई है। कार्यपालन यंत्री (शहर) मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी देवास ने बताया कि, योजना का लाभ लेने के लिये केवल आवेदक या आवेदकों का समूह या रेजिडेंट बेलफेयर सोसाइटी या नगरीय निकाय ही पात्र होंगे।
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