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15 दिन बाद तोड़ी जाएगी ये अवैध कॉलोनी, रहवासियों को मिला अल्टीमेटम, सोच-समझ कर बनाए मकान

प्रशासन ने मोतीनगर बस्ती के रहवासियों को नोटिस भेजकर 15 दिनों का समय दिया है, ताकि वे अपनी झुग्गियों और अन्य कब्जे को प्रशासन के द्वारा निर्धारित स्थान से हटा सकें। हालांकि, यह कदम प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि बस्ती के रहवासियों ने प्रशासन की ओर से भेजे गए नोटिस को अस्वीकार कर दिया है। उनका कहना है कि बस्ती में रहने वाले लोगों के पास वैध आवास की कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है और इस प्रकार का निर्णय उनके लिए बहुत कठिनाइयों का कारण बन सकता है।मोतीनगर बस्ती की स्थिति विशेष रूप से जटिल है क्योंकि यह बस्ती रेलवे और भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) की जमीन पर अतिक्रमण करके बसाई गई है। यहां रहने वाले लोग लंबे समय से यहां रह रहे हैं, और उनके लिए यह कदम बहुत बड़ा परिवर्तन हो सकता है। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की इस प्रक्रिया को लेकर कई बार कोशिश की है, और अब यह प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ने वाली है, खासकर ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के बाद। समिट के लिए शहर में कुछ प्रमुख परियोजनाओं का निर्माण प्रस्तावित किया गया है, जिनमें रेलवे की चौथी लाइन और सुभाष ओवरब्रिज का तीसरा लेग शामिल है। इन निर्माणों के लिए मोतीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की आवश्यकता है, जिससे प्रशासन ने अपना कदम उठाया है।

कोर्ट में विवाद और प्रशासन की कार्रवाई

अतिक्रमण हटाने के इस मामले को लेकर मोतीनगर बस्ती के रहवासी अदालत का रुख कर चुके थे। उन्हें कुछ दिनों के लिए राहत मिली थी, लेकिन अब प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। 110 मकानों में से कुछ में प्रशासन द्वारा तोड़फोड़ की जा चुकी है, और अब बाकी हिस्सों को हटाने का कार्य जारी है। प्रशासन ने बुलडोजर के माध्यम से अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और उम्मीद की जा रही है कि 15 दिनों के अंदर पूरी प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।

निर्माण कार्य की शुरुआत

अतिक्रमण हटाने के बाद, मोतीनगर क्षेत्र में प्रस्तावित निर्माण कार्यों की शुरुआत की जाएगी। इन कार्यों में रेलवे की चौथी लाइन का निर्माण और सुभाष ओवर ब्रिज का तीसरा लेग शामिल हैं, जो शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस बड़े निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया बेहद जरूरी थी। इसके अलावा, शहर में होने वाली ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के मद्देनजर प्रशासन की यह कार्रवाई और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि समिट के दौरान शहर की इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास योजनाओं को लेकर वैश्विक निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया जाएगा।

आगे की दिशा

अतिक्रमण हटाने के इस कदम के बावजूद, मोतीनगर बस्ती के रहवासी प्रशासन के इस फैसले को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें वैकल्पिक आवास की व्यवस्था की आवश्यकता है, ताकि वे सुरक्षित रूप से रह सकें। वहीं, प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि यह कदम शहर के समग्र विकास और जनता के हित में लिया गया है। प्रशासन का यह भी कहना है कि रहवासियों को स्थानांतरित करने के लिए पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और संवेदनशील तरीके से की जाएगी, ताकि किसी भी नागरिक को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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